लखनऊ: पेट्रोल चोरी का काला कारोबार, भरते समय रिमोट से कम कर देते हैं पेट्रोल, जानिए कैसे?
पेट्रोल चोरी : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल पम्पों पर चोरी का एक नया मामला सामने आया है, यह चोरी रिमोट के जरिये की जाती थी. बताया जा रहा है कि इस विशेष तरह की चोरी से पेट्रोल पम्प एक दिन में औसत रूप से 40 से 50 हजार रूपये अतिरिक्त तौर पर कमा रहे थे जबकि महीने में इनकी अतिरिक्त कमाई औसत रूप से 12 से 15 लाख रूपये थी. गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने राजधानी लखनऊ के पेट्रोल पम्पों पर छापेमारी की इसमें 7 पेट्रोल पम्प दोषी पाए गए.
रिमोट के जरिये यह पेट्रोल चोरी का एक नया तरीका है, और इसके लिए बाकायदा एक गैंग भी काम कर रही है, जो न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी पेट्रोल पम्पों में यह जुगाड़ सेट करने का काम करती है. छापेमारी के दौरान एसटीएफ ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है. जिसे इस गैंग का सदस्य बताया जा रहा है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार किये गए शख्स ने एक हजार पेट्रोल पम्पों पर रिमोट के जरिये पेट्रोल चोरी की व्यवस्था सेट की है.
इस तरह करते हैं चोरी?
आपको बता दें कि यह गैंग एक चिप और रिमोट पेट्रोल भरने वाली मशीन में लगाता है जिसके जरिये यह कारनामा किया जाता है. इस तरह से पेट्रोल पम्पों पर हर लीटर पेट्रोल में करीब 50-60 मिली. पेट्रोल की सप्लाई कम की जाती है, दिन भर में हर लीटर के हिसाब से आप अनुमान लगा सकते हैं कि किस तरह से यह बचत की जाती होगी.
इसके लिए हर पेट्रोल पम्प पर मशीन के पास 2 से 3 लोग खड़े रहते थे, एक व्यक्ति जो ग्राहक की गाड़ी में पेट्रोल डाल रहा है और दूसरा जो रूपये वसूलता है, पेट्रोल भरने के दौरान वह दूसरा व्यक्ति जिसका काम पेट्रोल भरने के बाद आपसे पैसा लेना है मौका देखकर अपने हाथ में लिए रिमोट का बटन दबा डेटा है इससे पाइप में पेट्रोल की सप्लाई रुक जाती है और मशीन की मीटर रीडिंग चलती रहती है. कई पेट्रोल पम्पों पर यह काम तीसरे व्यक्ति के जरिये किया जाता था.
एसटीएफ को गिरफ्तार किये गए आरोपी राकेश ने बताया कि मशीन में ग्रीन सर्किट में चिप लगाकर यह कारनामा किया जाता है, कहीं कहीं पर एमसीबी और पैनल में सर्किट के जरिये यह खेल होता है. इस तरह से घटतौली के काम को अंजाम दिया जा रहा है. यह चिप कानपुर और दिल्ली की बाजारों में महज एक हजार रूपये में मिल रही है.
इसे पट्रोल पम्प पर मशीन में लगाने के लिए राकेश और उसकी गैंग के लोग 40 से 50 हजार रूपये लेते हैं. उसने बताया कि वह खुद 1 हजार मशीनों में यह काम कर चुका है. साथ ही उसने लखनऊ के 7 पेट्रोल पम्पों पर यह चिप लगाने की बात कबूल की. गौरतलब है कि यह छापेमारी एसटीएफ ने 5 विभागों के साथ मिलकर की इसके लिए 7 टीमें बनाई गयी थीं. लखनऊ के साकेत पेट्रोल पम्प, केजीएमयू चौराहे पर लालता प्रसाद पेट्रोल पम्प, डालीगंज क्रासिंग पर लालता प्रसाद पेट्रोल पंप, मडियांव के स्टैण्डर्ड फ्यूल पेट्रोल पम्प, कैंट में शिव नारायण पंप, सीतापुर रोड पर गल्ला मंडी के पास मान फिलिंग स्टेशन और फन मॉल के पास ब्रिज ऑटो केयर को दोषी पाया गया, इन सभी पेट्रोल पम्पों पर रिमोट के जरिये हर लीटर पर 5 से 6 प्रतिशत पट्रोल चोरी का काम चल रहा था.