महाराष्ट्र के सरकारी स्कूल में बड़ी लापरवाही, मिड डे मिल में बच्चों के लिए आया जानवरों का खाना
वर्तमान में हर सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील दिया जाता है। ऐसे में कई बार इस खाने की गुणवत्ता को लेकर सवाल भी उठते हैं। अब महराष्ट र (Maharashtra) के पुणे (Pune) शहर के इस मामले को ही ले लीजिए। यहां एक म्युनिसिपल स्कूल (Municipal School) में छात्रों के मिड डे मील (Midday meal) के लिए जानवरों का खाना सप्लाई करने का मामला आया है।
दरअसल यह हैरान कर देने वाला मामला पुणे के स्कूल नंबर 58 का है। इस स्कूल को भारत की सबसे अमीर नगर निगमों में से एक पुणे नगर निगम (PMC) चलाती है। हाल ही में जब स्कूल के अधिकारी ट्रक से खेप उतार रहे थे तो उन्होंने देखा कि बच्चों के मिड डे मिल के लिए पशु का चारा भेजा गया है। यह देख अधिकारी दंग रह गए। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को दी।
सूचना मिलते ही FDA के अधिकारी स्कूल आए और सभी समान को जब्त कर लिया। अब ये पूरा मामला पुणे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग सोच में पड़ गए हैं कि ऐसी लापरवाही भला कैसे हो सकती है। कोई बच्चों के लिए जानवरों का खाना कैसे सप्लाई कर सकता है।
मामले ने जब ज्यादा तूल पकड़ा तो दोषियों पर एक्शन लेने की मांग भी उठने लगी। इस बीच पुणे के मेयर मेयर मुरलीधर मोहोल का एक बयान भी सामने आ गया। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि – मिड डे मिल स्कीम राज्य सरकार द्वारा चलाई जाती है। म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (Municipal corporation) को बच्चों को खान डिलीवर करने की जिम्मेदारी दी गई है। ये बहुत ही दुख की बात है कि बच्चों को जानवरों का खान सप्लाई किया गया है। हम इस मामले में जांच की मनाग करते हैं। दोषियों को उचित सजा दी जानी चाहिए।
Maharashtra: A Govt school in Pune received cattle fodder, instead of mid-day meal for students.
Pune Mayor says, “Mid-day meal scheme is run by state govt. Municipal corporation is responsible for only distribution among students. It’s very unfortunate. An inquiry is demanded.” pic.twitter.com/9cO1wcfefQ
— ANI (@ANI) March 19, 2021
वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? क्या आप ने पहले कभी इस तरह का कोई मामला देखा या सुना है। गौरतलब है कि बच्चों का शरीर बहुत नाजुक होता है। ऐसे में उनके मिड डे मिल के साथ कोई भी गड़बड़ी होने का सीधा असर उनके स्वास्थ पर पड़ता है। इसलिए इसकी गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।