गरुड़ पुराण: इन 7 चीजों के सिर्फ दर्शन मात्र से मिलता है पुण्य, मां लक्ष्मी का घर में रहेगा वास
मनुष्य के जीवन में किसी ना किसी वजह से परेशानी लगी रहती है। जब मनुष्य के जीवन में परेशानियां उत्पन्न होती हैं तो व्यक्ति काफी विचलित हो जाता है और हर परेशानी से छुटकारा पाने का कोई ना कोई तरीका तलाश करता है। आपको बता दें कि हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं जिनको अपनाकर हम अपने जीवन की सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं और अपना जीवन आरामदायक व्यतीत कर सकते हैं।
पुराणों में से एक गरुण पुराण है। गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक माना जाता है। आपको बता दें कि इस शास्त्र के अंदर मनुष्य के जीवन में आने वाली परेशानियों और सुखी जीवन बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया है। आपको बता दें कि गरुण पुराण के श्लोक “गोमूत्रं गोमयं दुन्धं गोधूलिं गोष्ठगोष्पदम्।पक्कसस्यान्वितं क्षेत्रं द्ष्टा पुण्यं लभेद् ध्रुवम्।।” में ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिसे देखने मात्र से ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं यह चीजें कौन सी हैं।
गोमूत्र
गोमूत्र को बहुत ही पवित्र माना जाता है। शास्त्रों में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि गोमूत्र में मां गंगा का वास होता है। गोमूत्र का अगर औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाए तो इससे कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। गरुड़ पुराण में इस बात का उल्लेख किया गया है कि गोमूत्र को देखने मात्र से पुण्य प्राप्त होता है।
गोबर
गाय के गोबर का इस्तेमाल कई मांगलिक कार्यों में किया जाता है। गाय के गोबर को बहुत ही शुभ माना गया है, इसी वजह से इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ में होता है। ऐसा माना जाता है कि गाय के गोबर का इस्तेमाल करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। अगर हम गरुण पुराण के मुताबिक देखें तो गाय के गोबर के दर्शन मात्र से ही पुण्य फल मिलता है।
गोदुग्ध
गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना गया है। अगर गाय का दूध नियमित रूप से सेवन किया जाए तो इससे कई स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां दूर होती हैं। आप ऐसा समझ सकते हैं कि गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। गरुण पुराण के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति गाय के दूध को देख लेता है तो उसको पुण्य की प्राप्ति होती है।
गोधूली
गाय के पैरों से खुरची हुई धूल को बहुत ही पवित्र माना गया है। गरुड़ पुराण में इस बात का उल्लेख किया गया है कि गोधूली के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति को कई गुना ज्यादा पुण्य फल मिलता है।
गौशाला
गोशाला उस स्थान को कहा जाता है जहां पर गायों को रखा जाता है। गोशाला को मंदिर के समान माना गया है। गरुण पुराण के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति गोशाला के दर्शन कर लेता है तो उसको पुण्य की प्राप्ति होती है।
गोखुर
गरुण पुराण के अनुसार, गाय के पैरों को तीर्थ के समान माना गया है। अगर आप किसी जरूरी कार्य से बाहर जा रहे हैं और जाते समय गाय के पैरों को स्पर्श और दर्शन कर लेते हैं तो इससे आप जिस काम के लिए जा रहे हैं उसमें आपको सफलता हासिल होती है।
पकी हुई खेती
अगर कोई भी मनुष्य हरे भरे खेत देखता है तो उसके मन को एक अलग ही शांति प्राप्त होती है। गरुण पुराण के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति पकी हुई फसल भरे खेत देख लेता है तो उसको पुण्य मिलता है।