13 साल के स्टूडेंट को ट्यूशन के बहाने घर ले गई महिला टीचर, जबरन शादी कर मनाई सुहागरात और फिर..
शादी जीवन का अहम हिस्सा होता है। लेकिन कुछ अभाग्य लोग ऐसे भी होते हैं जिनकी शादी नहीं हो पाती है। ऐसे में शादी करने के चक्कर में वे किसी भी हद तक चले जाते हैं। अब पंजाब के जालंधर जिले के बस्ती बावा खेल इलाके की यह घटना ही ले लीजिए। यहां एक महिला टीचर ने अपने 13 साल के स्टूडेंट से जबरन शादी रचा ली। हद तो तब हो गई जब सुहागरात मना वह विधवा हो गई।
दरअसल एक महिला शिक्षिका को कुंडली में मांगलिक दोष था। उसकी शादी में बहुत देरी भी हो रही थी। ऐसे में अंधविश्वास के चलते उसने एक नाबालिग लड़के से शादी रचा ली। महिला ने अपने स्कूल से एक ऐसे स्टूडेंट को चूना जिसके परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। इसके बाद उस शिक्षिका ने बच्चे और उसके परिवार को फ्री की ट्यूशन का लालच दिया। उसने कहा कि आप अपने बच्चे को मेरे घर छोड़ दें। मैं उसे पढ़ा दूँगी।
हालांकि जब बच्चा महिला के घर पढ़ने के लिए पहुंचा तो उसने अपने 13 वर्षीय छात्र से जबरन शादी कर ली। यह नकली शादी ठीक वैसे ही हुई जैसी की हिन्दू रीति रिवाजों से कोई असली शादी होती है। इसमें हल्दी, फेरे की रस्म से लेकर बाद में सुहागरात का ढोंग तक हुआ। इतना ही नहीं महिला ने शादी के 6 दिन बाद खुद को विधवा भी बना लिया। उसने सफेद साड़ी पहनी, अपनी चूड़िया तोड़ी और एक शोक सभा का आयोजन रख विधवा की तरह विलाप भी किया।
अंत में उसने अपने स्टूडेंट को उसके घर वापस भेज दिया। बच्चा जब घर गया तो उसने अपनी आपबीती परिवार को सुनाई। इसके बाद परिवार ने महिला के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी। जब पुलिस ने महिला को पूछताछ के लिए बुलाया तो वह अपने साथ पंडित को ले गई। उसने बताया कि पंडित के कहने पर उसने अपना मांगलिक दोष दूर करने के लिए ये सब किया था।
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया और इसकी विस्तार से जांच कर रही है। ये काफी दुख की बात है कि 2021 में भी लोग इस तरह के अंधविश्वासों पर यकीन रखते हैं। हद तो तब हो जाती है जब ये अधविश्वासी लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए ऊटपटाँग या गैर कानूनी हरकतें करते हैं।
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