पेट में होने वाला दर्द आम दर्द नहीं बल्की हो सकता है माईग्रेन , जानें क्या कहते है एक्सपर्ट..
माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जिसने आज दुनिया भर ने लाखों लोगों को अपनी चपेट में लें रखा है. इसका नाम सुनते ही लोगों को सर में दर्द होने लगता है. क्योंकि ये होता ही सर में है. जब भी ये किसी को होता है तो उसका जीना मुहाल कर देता है. लेकिन क्या आपको पता है कई बार माईग्रेन पेट दर्द की भी समस्या लेकर आता है. अगर यह पढ़कर आपको यकीन नहीं हो रहा है तो आज से ही यकीन करना शुरू कर दीजिये.
आज हम आपको बताते है आखिर पेट में होने वाला माइग्रेन क्या है. और इससे बचने के उपाए क्या है. पेट में होने वाले माइग्रेन को एब्डॉमिनल माइग्रेन कहा जाता है.
यह है एब्डॉमिनल माइग्रेन
एब्डॉमिनल माइग्रेन का शिकार हुआ इंसान सिर की ही तरह ही पेट में तेज़ दर्द का अनुभव करता है. पेट में होने वाल इस असहनीय दर्द को ‘एब्डॉमिनल माइग्रेन’ कहा जाता हैं. इसके कारण आपके पेट में दर्द और मरोड़े भी आ सकती है. इसके अलावा आपको , थकान और उल्टी भी हो सकती है. एक्पर्ट की माने तो ऐसा दर्द अनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है.
एब्डॉमिनल माइग्रेन सबसे ज्यादा खतरा इन लोगों को होता है
आपको बता दें कि इस तरह का दर्द सबसे ज्यादा छोटे बच्चों में देखने को मिलता है. इसका असर उन बच्चों पर ज्यादा देखने को मिलता है जिनके माता पिता पहले से इस तरह की बीमारी का सामना कर चुके होते है. इतना ही नहीं इन बच्चों को बड़े होकर सिर के माइग्रेन होने की संभावना भी बहुत होती है.
एब्डॉमिनल माइग्रेन होने के कई कारण हो सकते है.
इस मामले में डॉक्टर्स का मानना है कि हमारे शरीर में बनने वाले दो कंपाउंड हिस्टामाइन और सेरोटोनिन इस तरह के भयानक दर्द के लिए जिम्मेदार रहते है. ये दोनों ही कंपाउंड शरीर में ज्यादा तनाव लेने और सोचने से बनते है. इनके अलावा प्रोसेस्ड मीट, चॉकलेट और चाइनीज फूड्स में इस्तेमाल किया जाने वाला मोनोसोडियम ग्लूटामेट के अधिक खाने से भी शरीर में इनका निर्माण होने लगता है.
एब्डॉमिनल माइग्रेन के ये लक्षण हो सकते है.
भूख का कम लगना और खाने-पीने का मन न होना, पेट में तेज दर्द की समस्या होना, इसके साथ ही आंखों के नीचे काले घेरे बनना, पेट का रंग पीला पड़ना आदि इसके कई लक्षण ही सकते है.
एब्डॉमिनल माइग्रेन को सही करने का तरीका
एब्डॉमिनल माइग्रेन का कई बार कोई पुख्ता कारण पता नहीं लग पाता है इस वजह से यह और गंभीर हो जाता है. चिकित्सक इसका इलाज सामान्य माइग्रेन की तरह ही करते हैं. इसी वजह से कई बार मरीज़ को आराम नहीं मिल पाता है. इसलिए घर में या आस पास कभी भी किसी बच्चे में एब्डॉमिनल माइग्रेन के लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाए.