होली खेलने के पहले कर लें ये काम, नहीं होगी रंगों से सांस की परेशानी
होली रंगों और खुशियों का त्यौहार होता है। इस दिन हर कोई रंग और गुलाल से खेलता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें रंग और गुलाल से एलर्जी होती है। वहीं कुछ को इन रंगों से सांस लेने में दिक्कत हो जाती है। इससे उनके फेफड़े दूषित हो जाते हैं। ऐसे में सुरक्षित तरह से होली खेलने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप होली के रंगों में घुलने के पहले कुछ खास तैयारियां कर लें। इससे आपकी होली सेफ और सेहतमंद रहेगी।
काढ़ा पिएं: होली वाले दिन सुबह सुबह एक कप गरमा-गरम काढ़ा पी लें। इससे फेफड़े में होने वाला प्रदुषण रुक जाएगा। इसे पीने के बाद आपको सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी। यहां तक कि इससे रंगों को लेकर होने वाली एलर्जी भी नहीं होगी। वैसे काढ़ा न पी पाएं तो अदरक की चाय भी पी जा सकती है।
पुदीना और विटामिन सी लें: होली वाले दिन ब्रेकफास्ट में पुदीने की पत्तियों का सेवन करें। इसके अलावा विटामिन-सी वाले भोजन को भी ग्रहण करें। इससे आपके फेफड़े हेल्दी रहेंगे और सांस व एलर्जी की समस्या नहीं होगी। आप चाहे तो होली वाले दिन संतरा, नींबू को अपने भोजन में भी शामिल कर सकते हैं।
लौंग मुंह में रखें: होली वाले दिन लौंग अपने पास ही रखें। इसे आप मुंह में जीभ के नीचे दबा लें और फिर होली खेलने जाएं। यह लौंग रंगों से फैलने वाले इंफेक्शन या संक्रमण से आपको बचाती है। इतना ही नहीं होली के दिन पानी की वजह से नायक बंद हो जाए तो उसे खोलने में भी लौंग मददगार साबित होती है।
फल खाएं: होली खेलने के पहले ही नहीं बल्कि बाद में भी सेहत पर ध्यान दें। रंग खेलकर आ जाएं तो नहा लें और फिर एक ताजा फल खाएं। आप चाहे तो एक बार फिर काढ़ा या अदरक की चाय पी सकते हैं। वैसे एक सेब भी खा लेंगे तो बहुत हेल्प मिल जाएगी। यह आपको हर तरह के संक्रमण से बचाएगा।
होली खुशियों का त्यौहार है। इसे बेशक धूमधाम से मनाइए। लेकिन साथ में अपनी सेहत का भी ध्यान रखिए। कैमिकल युक्त रंगों की बजाय प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें। इससे संक्रमण के चांस और भी कम हो जाते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह टिप्स पसंद आए होंगे। यदि हाँ तो आप इसे दूसरों के साथ भी शेयर करें। बुजुर्ग और बीमार लोगों के ऊपर रंगों का प्रयोग कम से कम करें। इस तरह आप भी अपनों के साथ एक खुशहाल और सुरक्षित होली मना सकते हैं।