8 साल की उम्र में पूरे शहर की मेयर बन गई ये बच्ची, पद संभालते ही जारी किया ऐसा नोटिस
8 साल की उम्र में हम सभी खेल खिलौने से खेलते थे। अपनी दो पहिये वाली साइकिल भी ठीक से नहीं चला पाते थे। लेकिन आज हम आपको 8 साल की एक ऐसी बच्ची से मिलाने जा रहे हैं जो न सिर्फ एक दिन की मेयर बनी, बल्कि उसने पूरे शहर को भी एक दिन के लिए चलाया।
हम यहां जिस बच्ची की बात कर रहे हैं उसका नाम इशिता जाजोरिया है। 8 वर्षीय इशिता जयपुर की रामराज पुरा कॉलोनी में रहती है। उनके पिता का नाम ओमप्रकाश जाजोरिया है। इशिता एक खास बच्ची है। वह बोल नहीं सकती है। उसे एक दुर्लभ बीमारी है। लेकिन इसके बावजूद वह अपनी लाइफ अच्छे से जीने की पूरी कोशिश करती है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं 8 मार्च को पूरी दुनिया ने International Women’s Day मनाया गया। इस मौके पर बहुत से लोगों ने महिलाओं और बच्चियों को स्पेशल फिल कराया। ऐसा ही कुछ 8 साल की इशिता के साथ भी हुआ। वह जयपुर की मेयर बन गई। हालांकि वह एक दिन की मेयर ही बनी। दरअसल शहर की मेयर मुनेश गुर्जर ने इशिता को जयपुर नगर निगम हेरिटेज की एक दिन की मेयर बना दिया।
जयपुर की माहापौर मुनेश गुर्जर ने इशिता को गोद ले रखा है। वह उसकी पढ़ाई लिखाई का खर्चा भी उठाते हैं। उन्हें इशिता के बारे में पिछले साल पता चला था। इशिता के पिता गरीब है और बेटी की पढ़ाई और इलाज का खर्चा नहीं उठा सकते हैं। इसलिए मेयर ने इशिता को गोद लेकर उसका सारा खर्चा उठाने का निर्णय लिया।
‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ पर इशिता को स्पेशल फिल कराने के लिए मुनेश गुर्जर ने 8 साल की लड़की को एक दिन का मेयर भी बना दिया। मेयर बनते ही इशिता ने एक नोट जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य शहर को साफ़ और स्वच्छ बनाना है।
इशिता की यह सोच लोगों को काफी पसंद आई। 8 साल की उम्र में भी उसे अपने शहर की साफ सफाई की चिंता है। यह बहुत ही अच्छी बात है। इसके साथ ही इशिता ने ऑर्डर दिया कि जयपुर के ज़रूरतमंदों की मदद की जाए। एक दिन की मेयर बनने का इशिता का अनुभव बहुत ही शानदार रहा। यह चीज उसे आगे भविष्य में और मेहनत व पढ़ाई कर सचमुच की मेयर बनने में मदद करेगी।
सिर्फ इशिता ही नहीं बाकी लड़कियों को भी इससे लाइफ में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
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