शिव के इन 6 रूपों की आज ही करें आराधना, महाशिवरात्रि के मौके पर एक नहीं 6 वरदान पूरे होंगे
आज महाशिवरात्रि है. इस दिन शिव को आप अलग-अलग तरीकों से प्रसन्न कर सकते हैं. देवों के देव महादेव के जितने नाम हैं, उतने ही रूप हैं और हर रूप से नया वरदान मिलता है. हम आपको भोले के 6 रूपों के बारे में बताने जा रहे हैं.
भोलेनाथ का पहला रूप- महादेव
शिव ने ही अपने अंश से तमाम देवताओं, शक्ति को जन्म दिया. देवी देवताओं के सृजनकर्ता होने के कारण उन्हें महादेव नाम मिला.
शिव जी का दूसरा रूप हैं आशुतोष
शिव जी अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. बहुत जल्दी प्रसन्न होने के कारण उन्हें आशुतोष के नाम से जाना जाता है. उनके आशुतोष रुप की उपासना से तनाव दूर होता हैं. इनकी उपासना करने से मानसिक परेशानियां ख़त्म होती हैं. याद रखे सोमवार को शिव लिंग पर इत्र और जल चढ़ाए. मंत्र- “ॐ आशुतोषाय नमः”
रूद्र हैं शिव जी का तीसरा रूप
महादेव में संहार की शक्ति होने के कारण उनका एक नाम रूद्र भी है. शिव के रूद्र” के रुप में उनकी उपासना उग्र रूप में की जाती हैं. रूद्र इंसान को संहार करने के बाद रोनेके लिए मजबूर करते हैं. रूद्र रूप में शिव वैराग्य होते हैं. इनका मंत्र है – “ॐ नमो भगवते रुद्राय”
शिव जी का चौथा रूप नीलकंठ हैं.
शिव जी ने संसार की रक्षा के लिए समुद्र मंथन से निकला विष पी लिया था. इस विष को उन्होंने कंठ में धारण किया था. इसलिए उनका नाम नीलकंठ हो गया. शिव के नीलकंठ रुप की उपासना करने से शत्रु दूर होते हैं. मंत्र है – “ॐ नमो नीलकंठाय”.
मृत्युंजय हैं शिव जी का पांचवां रूप
शिव के मृत्युंजय रूप की आराधना करने से मृत्यु को भी मात दी जाती है. इतना ही नहीं मृत्युंजय की पूजा से आयु रक्षा और सेहत का लाभ होता हैं. मृत्युंजय स्वरुप का मंत्र है – “ॐ हौं जूं सः”
गौरीशंकर है शिव जी का छठां रूप
गौरीशंकर स्वरूप मां गौरी और शिव का संयुक्त रूप है. इस स्वरूप की उपासना से शीघ्र विवाह संपन्न होता हैं. गौरीशंकर रूप की पूजा का मंत्र यह है, “ॐ गौरीशंकराय नमः”
आपको बता दें कि शिव के हर रूप से अलग वरदान प्राप्त होता है. शिव के नाम में हर समस्या का समाधान मिलता है तो बस भोलेनाथ के इन रूपों की सच्चे मन से आराधना कीजिए और अपने सारे तनाव और सारी चिंताओं से मुक्ति पा लीजिये. इसके अलावा आप रोजाना महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. वह भी बहुत लाभकारी होता हैं.