खुल गया राज, इसलिए कुल्फी वाला बर्फ में मिलाता है नमक, जानकार नहीं होगा यकीन
गर्मी का मौसम आ गया है। खासकर अब दोपहर में बहुत ज्यादा गर्मी लगने लगी है। जैसे जैसे गर्मी पास आते जाती है हमारी ठंडी चीजें खाने की इच्छाएं भी प्रबल होती जाती है। ठंड में कुल्फी खाने का शौक हर किसी को होता है। बाजार जाने में आलसी आए तो गली मोहल्लों में कुल्फी बेचने वाले आ जाते हैं। जैसे ही मोहल्ले में घंटी की आवाज सुनाई देती है हम तुरंत समझ जाते हैं कि कुल्फी वाला आ गया है।
कुल्फी वाले के पास एक ठेला रहता है। इसमें बर्फ के अंदर वह अपनी सभी कुल्फियां रखता है। ताज्जुब की बात ये होती है कि भीषण गर्मी में घूमने के बावजूद उसकी कुल्फी पिघलती नहीं है। ऐसा इसलिए होता है कि वह कुल्फी को बर्फ के एक बॉक्स में रखता है। अब कायदे से यह बर्फ भी जल्दी पिघल जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि वह बर्फ में नमक मिला देता है।
अब आप में से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि बर्फ और नमक का आपस में क्या लॉजिक है? तो चलिए इसके पीछे का विज्ञान ही विस्तार से जान लेते हैं। बर्फ और नमक का कान्सेप्ट समझने के पहले आपको हिमांक (Freezing point), क्वथनांक (Boiling point) और हिमांक में अवनमन (Deprression in freezing point) समझना होगा। आप में से बहुत से लोग स्कूल की विज्ञान क्लास में ये चीजें पढ़ भी चुके हैं। यदि भूल गए हैं तो अब याद दिला देते हैं।
हिमांक (Freezing) वह तापमान होता है जिस पर कोई द्रव पदार्थ ठोस अवस्था में बदलता है। उदाहरण के लिए पानी का हिमांक 0 डिग्री सेंटीग्रेड है। इस तापमान पर पानी जमकर बर्फ बन जाता है। वहीं क्वथनांक (Boiling point) वह तापमान होता है जिस पर कोई द्रव उबलता है। जैसे पानी का क्वथनांक 100 डिग्री सेंटीग्रेड है। इस तापमान पर वह उबलने लगता है।
हिमांक में अवनमन (Depression in freezing point) का मतलब है जब किसी पदार्थ में कोई अवाष्पशील पदार्थ (जो भाप बनकर नहीं उड़ सकते, Nonvolatile) मिलाया जाता है तो उस पदार्थ का वाष्प दाब (vapour pressure) कम हो जाता है। इसके साथ ही हिमांक भी कम होता है। वहीं क्वथनांक बढ़ जाता है।
अब इसे आसान शब्दों में समझाए तो बर्फ में नमक मिलाने से उसका क्वथनांक बढ़ जाता है, जिसके चलते वह जल्दी पिघलती नहीं है। इसलिए जब कुल्फी वाला बर्फ में नामक मिला देता है तो उसे डबल फायदा होता है। उसकी न तो बर्फ पिघलती है और न ही कुल्फी।
अब दिलचस्प बात ये होती है कि यह विज्ञान खुद कुल्फी वाले को भी नहीं पता होता है कि वह रोजाना बर्फ का कितना क्वथनांक (Boiling point) बढ़ाता है।