पेरेंट्स से फीस वसूलने के लिए स्कूल प्रशासन ने बच्चों को बनाया बंधक, जाने पूरा मामला
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते कई लोगों का नुकसान हुआ है। अब इस कोरोना काल में बहुत सी चीजें तो चालू हो गई है लेकिन स्कूल अभी भी बंद ही है। जो स्कूल खुले भी हैं वहां सिर्फ कुछ घंटों की क्लासेस ही लग रही है। ऐसे में बच्चों से फीस लेने को लेकर स्कूल वाले अलग अलग तिकड़म भिड़ा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारें पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि स्कूल वाले अभिभावकों से जबरन फीस नहीं ले सकते हैं।
इस बीच हरियाणा के पानीपत जिले बड़ा ही अनोखा मामला सामने आया है। यहां बच्चों से फीस वसूलने के लिए स्कूल संचालक अब गुंडागर्दी का सहारा ले रहा है। यहां एक स्कूल ने बच्चों को भूखे प्यासे बंधक बना लिया और बोलने लगे कि जब तक पेरेंट्स फीस जमा नहीं करेंगे तब तक बच्चों को छोड़ा नहीं जाएगा। ये स्कूल पानीपत जिले के समालखा में स्थित डीएवी सेनेटरी स्कूल है।
यहां कुछ बच्चे स्कूल की छुट्टी होने के बावजूद घर नहीं पहुंचे थे। ऐसे में अभिभावक जब स्कूल गए तो उन्हें पता चला कि स्कूल संचालक ने बच्चों को भूख प्यासा बंधक बना रखा है। उसने शर्त रखी कि जब तक स्कूल की फीस जमा नहीं की जाती तब तक बच्चों को छोड़ा नहीं जाएगा। जानकारी के मुताबिक बच्चों को करीब तीन घंटे तक स्कूल में बंधक बनाकर रखा गया। जो माता पिता अपने बच्चे को लेने गए थे उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के पेरेंट्स को भी बुलवाया। जब सभी ने इसका विरोध कीय अतब जाकर स्कूल प्रबंधक ने बच्चों को छोड़ा।
बच्चों के माता पिता का यह भी आरोप है कि स्कूल प्रबंधक के गुंडे आकर उन्हें आए दिन धमकाते रहते हैं। उनके द्वारा एनुअल फीस और ट्रांसपोर्टेशन फीस की जबरन वसूली कारवाई जा रही आई। माता पिता का कहना है कि उन्होंने सभी फीस पहले से ही जमा कर रखी है। लेकिन स्कूल वाले फीस बढ़ाने का बोलकर बच्चों को परेशान कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ जब पुलिस ने स्कूल के प्रिंसिपल से इस मामले में बातचीत की तो उसने सफाई देते हुए अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को गलत बताया है। वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? क्या आपके हिसाब से स्कूल द्वारा पेरेंट्स से जबरन फीस वसूलना सही है?
गौरतलब है कि कोरोना वायरस में स्कूल बंद होने से प्राइवेट स्कूल को बहुत नुकसान हुआ है। खासकर इन स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर्स की सैलरी भी ठीक से नहीं मिल पा रही है।