खुशखबरी: आ गया 7वां वेतन आयोग, सरकर ने दी मंजूरी
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर लगी सरकार की मुहर
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज सातवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी, जिसमें कम से कम 23.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और भत्तों में इसका लाभ होगा।
सातवें वेतन आयोग के नए वेतनमानों के कार्यान्वयन से सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ आने का अनुमान है। हालांकि यह वृद्धि पिछले साथ दशकों में न्यूनतम है।
समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा कर रहे है, जो जस्टिस ए के माथुर द्वारा वेतन आयोग की सिफारिशों का भी अध्ययन कर रहे है। समिति ने वित्त मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
इस कदम से 50 लाख कार्यरत और 58 लाख पेंशनर कर्मचारी प्रभावित होंगे। इस परिवर्तन के 1 जनवरी,2016 से प्रभावी होंने की सम्भावना है।
सातवें वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य वेतनमान, भत्ते और पेंशन में 23.55 प्रतिशत वृद्धि करने का है। जिसमें बेसिक पे में 14.27 प्रतिशत की वृद्धि भी शामिल है।
1,02,100 करोड़ रुपये की कुल लागत से, वेतन में 39,100 करोड़ रुपये की लागत, 33,700 करोड़ रुपये पेंशन में और 29,300 करोड़ रुपये की भत्ते में वृद्धि होगी।
बढ़ोतरी की प्रस्तावित दर के अनुसार, कुल भुगतान में 73,650 करोड़ रुपये आम बजट से, जबकि 28,450 करोड़ रुपये रेल बजट से आएगा।
वेतन आयोग द्वारा दिए गए सबसे महत्वपूर्ण सुझावों में से एक है, ‘नई वेतन संरचना’ जो वर्तमान में चल रहे वेतन बैंड और ग्रेड पे की प्रणाली से बहुत ही अलग है। माना जा रहा है कि, इस नयी भुगतान मैट्रिक्स से पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
छठवें वेतन आयोग में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की गयी, जो बाद में 2008 में दुगनी कर दी गयी।
आयोग द्वारा 23,500 रुपये न्यूनतम वेतन और 2,25,000 उच्चतम वेतन किया गया, साथ ही कैबिनेट सचिवो के लिए 2,50,000 रूपए प्रति महीने वेतन की घोषणा भी किया गया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कर्मचारियों के मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफे की सिफारिश की गई है। न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले इस सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.50 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की है। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है।