पश्चिम बंगाल : अब ममता के गढ़ पर बीजेपी की ‘नज़र’, मिशन पर निकले ‘चाणक्य’ अमित शाह!
पश्चिम बंगाल – यूपी फतह करने के बाद बीजेपी की नजरें अब पश्चिम बंगाल पर टिकी हुई हैं। बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल ही एक ऐसा स्टेट है जहां पार्टी को अभी तक कुछ खास सफलता नहीं मिली है। इसी को देखते हुए पार्टी ने इस मिशन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंपी है। वे आज नक्सलबाड़ी से विस्तार अभियान की शुरूआत करेंगे। पश्चिम बंगाल के इस गांव को वामपंथी उग्रवाद के लिए जाना जाता है। शाह का मिशन, बीजेपी को वामपंथियों-तृणमूल कांग्रेस के गढ़ में मजबूत बनाने का होगा। शाह अब अपना ध्यान पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनावों पर लगा रहे हैं। Bjp starts expansion drive.
वामपंथियों-तृणमूल कांग्रेस के गढ़ में कमल खिलाने की कोशिश –
अमित शाह यहां 25 से 27 अप्रैल तक तक रहेंगे और बूथ कार्यकर्ताओं एवं आम लोगों से संपर्क करेंगे। दरअसल, यूपी के बाद पार्टी पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना पर ज्यादा फोकस कर रही है, क्योंकि पार्टी इस वक्त सिर्फ इन्हीं राज्यों में कमजोर है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के जिस गांव से बीजेपी अपना विस्तार अभियान शुरू कर रही है वहीं से 1960 में देश में नक्सल आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
लाल हिंसक क्रांति के लिए जाने जाने वाले नक्सलबाड़ी गांव में बीजेपी गरीब कल्याण और सबका साथ, सबका विकास के रास्ते से पहुंचेगी। अमित शाह तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना में तीन-तीन दिनों तक रहेंगे। पार्टी का लक्ष्य है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले इन राज्यों में बीजेपी को मजबूत किया जाए, क्योंकि बीजेपी इन राज्यों में कमजोर रही है।
इसलिए नक्सलबाड़ी से ही शुरू होगा अभियान –
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी द्वारा इस अभियान को ममता के गढ़ में जाकर इसलिए शुरू करना चाहती है, ताकि पार्टी को लग रहा है कि इस राज्य में उसके पांव जमाने के लिए जमीन अब तैयार हो चुकी है। इससे पार्टी ममता बनर्जी की टीएमसी पार्टी को मैसेज भी जाएगा कि बीजेपी अब उनके गढ़ पर नजर लगाए हुए है।
गौरतलब है कि बीजेपी में संगठन विस्तार का कार्यक्रम भुवनेश्वर में हाल ही में हुई पार्टी की नेशनल एग्जिक्यूटिव में बनाया गया था। जहां खुद शाह ने देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर संगठन को मजबूत और विस्तार देने का लक्ष्य तय किया था। अमित शाह के साथ पार्टी के तीन लाख 68 हजार कार्यकर्ता भी 15 दिनों तक इस अभियान में साथ रहेंगे।