जिस पुजारी ने कराई थी रेखा की शादी, उसे मिली थी इतनी बड़ी सजा, जानिए क्या है पूरा मामला..
हिंदी सिनेमा की ख़ूबसूरत और सदाबहार अदाकाराओं में गिनी जाने वाली दिग्गज़ अभिनेत्री रेखा के नाम से हर कोई बहुत अच्छी तरह से वाकिफ़ हैं. हिंदी सिनेमा को अपने करीब 50 साल से भी अधिक लंबे फ़िल्मी करियर में रेखा ने कई शानदार फ़िल्में दी हैं. हर वर्ग के दर्शक का इस दिग्गज़ हसीना ने बखूबी मनोरंजन किया है. एक लंबे अरसे से रेखा फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय नहीं है, लेकिन वे जहां भी होती है वे पूरी महफ़िल लूट लेती है.
अभिनेत्री रेखा अपनी शानदार अदाकारी और खूबसूरती के साथ ही अपनी निजी ज़िंदगी को लेकर भी ख़ूब चर्चा में रही हैं. लोगों से इस एक्ट्रेस को जितना प्यार मिला है, उसके उलट उनकी निजी ज़िंदगी में कई दर्द भी रहे हैं. दिग्गज़ अभिनेता अमिताभ बच्चन हो या फिर विनोद मेहरा, किसी के भी साथ उनका प्यार मुकम्मल नहीं हो सका. वहीं जब साल 1990 में बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से शादी की तो कुछ ही महीनों में दोनों अलग हो गए.
रेखा ने मुकेश अग्रवाल से शादी करने में बहुत जल्दबाजी कर दी थी. दोनों ने जितनी जल्दी शादी की थी, उतनी ही जल्दी दोनों अलग भी हो गए थे. बताया जाता है कि, मुकेश और रेखा की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी. दोनों बहुत जल्दी एक दूसरे को अपना दिल दे बैठे थे. कुछ ही हफ़्तों के भीतर दोनों ने अपने प्यार को नया नाम देने का फैसला ले लिया था और फिर दोनों ने शादी कर ली. आज हम आपको रेखा और मुकेश अग्रवाल की शादी से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं, जब मंदिर के पुजारी को मंदिर से निकाल दिया गया था.
दरअसल, रेखा और मुकेश को शादी की इतनी जल्दी थी कि, मुंबई की सड़कों पर रात के करीब 10 बजे वे शादी करने के लिए निकल पड़े. दोनों फेर लेने के लिए किसी मंदिर की तलाश कर रहे थे. तब ही उनकी नज़र मुक्तेश्वर देवालय मंदिर पर पड़ी और दोनों ने इसी मंदिर में शादी करना उचित समझा.
जब रात के करीब 10 बजे दोनों मंदिर पहुंचे तो मंदिर बंद हो चुका था और मंदिर के पुजारी संजय भी सो चुके थे. रेखा और मुकेश ने संजय को जगाया और उनसे अपनी शादी कराने के लिए कहा. लेकिन रेखा को अपने सामने देखकर पुजारी संजय असमंजस में पड़ गया था. दरअसल, मंदिर बंद होने के बाद मंदिर को धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो वापस नहीं खोला जा सकता है, लेकिन पुजारी ने इसके बावजूद रेखा और मुकेश की शादी करवा दी.
मंदिर से बाहर निकाल दिए गए पुजारी…
बता दें कि, रेखा की जीवनी ‘रेखा : द अनटोल्ड स्टोरी’ में यासिर उस्मान ने इस बात का जिक्र किया है कि, मंदिर और धार्मिक नियमों के विरुद्ध जाकर रेखा और मुकेश अग्रवाल की शादी करना पुजारी को बहुत महंगा पड़ गया था. इस घटना के बाद पुजारी संजय को मंदिर से निकाल दिया गया था.
रात में ही हेमा मालिनी के घर पहुंची थीं रेखा…
4 मार्च 1990 को जब मंदिर में रेखा ने मुकेश अग्रवाल से शादी कर ली थी, इसके बाद रात में ही रेखा मशहूर और ख़ूबसूरत एक्ट्रेस हेमा मालिनी के घर पहुंची थी. हेमा और रेखा तब बहुत अच्छी दोस्त हुआ करती थी और दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझती थी. रेखा जब हेमा के घर पहुंची तो उस समय दिग्गज़ अभिनेता धर्मेंद्र भी मौजूद थे.