आईपीएस अधिकारी को धमकी देने के मामले में फंसे मुलायम सिंह, कोर्ट हुआ सख्त दिए ये आदेश!
कुछ दिनों पहले सपा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एक आईपीएस अधिकारी को धमकी दिया था। हालांकि कुछ समय से यह मामला ठंढा पड़ा हुआ था। लेकिन अब कोर्ट इस मामले पर सख्त हो गयी है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को कुछ दिन पहले मुलायम सिंह ने फोन करके उन्हें धमकी दी थी।
लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुलायम सिंह यादव पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को मोबाइल पर धमकी देने के मामले में इसकी जांच कर रहे अधिकारी को डायरी के साथ तलब किया। कोर्ट के इस आदेश के बाद ऐसा लग रहा है कि मुलायम सिंह की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पहले ही सत्ता छिन जाने की वजह से वह काफी मुश्किल में थे।
जरूरी सबूतों के साथ 20 मई को हाजिर होने का आदेश:
केवल यही नहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने कृष्णानगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी और इस मामले की जांच कर रहे मुख्य अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह को सुनवाई की अगली तारीख 20 मई को सभी जरूरी सबूतों के साथ डायरी के साथ अदालत में हाजिर होने का भी आदेश दिया है। अदालत ने लखनऊ के एसएसपी से भी इस मामले में हो रही देरी की वजह के लिए स्पष्टीकरण की मांग की है।
मामले पर बहुत सख्त है न्यायालय:
अदालत ने जांच में हो रही लापरवाही और नाफरमानी की वजह भी पूछी। अदालत ने एसएसपी से यह पूछा कि इस जांच का जिम्मा कृष्णानगर के क्षेत्राधिकारी को क्यों दिया गया, जबकि न्यायालय ने इस जांच का जिम्मा हजरतगंज के क्षेत्राधिकारी को देने का निर्देश दिया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इस मामले पर बहुत सख्त दिखाई दे रही हैं।
आवाज के नमूने को जांच के लिए भेजने के आदेश:
20 अगस्त 2016 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। इसके बाद इसकी विवेचना हजरतगंज के क्षेत्राधिकारी से कराये जाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की आवाज का नमूना लेकर राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच करवाने के आदेश दिए थे।