खुशी-खुशी की बेटी शादी, फिर थाने पहुंच पिता बोला- मैंने बिटिया को मार डाला, आप जाकर लाश उठा लो
हर पिता का यही सपना होता है कि उसकी बेटी शादी कर एक अच्छे घर परिवार में जाए। बेटी जैसे जैसे बड़ी होने लगती है वह उसकी शादी और कन्यादान के ख्वाब देखने लगता है। इनमें कुछ पिता ऐसे भी होते हैं जो बेटी की शादी अपने पसंद के घर परिवार में ही करना पसंद करते हैं। उन्हें बेटी के प्रेमी से चिढ़ होती है। बेटी की खुशी से ज्यादा समाज की इज्जत प्यारी होती है। चार लोग क्या कहेंगे इस चक्कर में वे बेटी की खुशी का गला घोंट उसकी शादी जबरन किसी और के घर कर देते हैं।
ऐसा ही कुछ राजस्थान के दौसा में रहने वाले शंकरलाल सैनी ने भी किया था। उसने अपनी बेटी पिंकी शादी अपनी पसंद के परिवार में 16 फरवरी को कर दी थी। हालांकि पिंकी इस शादी से खुश नहीं थी। ऐसे में वह शादी के तीन दिन बाद ही ससुराल छोड़ मायके वापस आ गई थी। दरअसल पिंकी को अपनी ही कॉलोनी में रहने वाले रोशन नाम के लड़के से प्यार था। वह उसी से शादी करना चाहती थी। लेकिन उसके पिता को दोनों का रिश्ता मंजूर नहीं था। इसलिए उन्होंने पिंकी की शादी जबरन दूसरी जगह कर दी थी।
हालांकि जब पिनकी ससुराल छोड़ वापस आई तो पिता नाराज हो गए। इस दौरान पिंकी ससुराल से मायके आते ही अपने प्रेमी रोशन संग भाग गई। ऐसे में उसके परिवारवालों ने रोशन के खिलाफ लड़की के अपहरण का केस दर्ज करवा दिया। वहीं बेटी ने हाईकोर्ट में अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की। इसके बाद हाईकोर्ट ने कपल को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेह भी दिया था।
हालांकि इसके पहले पिनकी अपने प्रेमी रोशन के दौसा जिले स्थित घर में 1 मार्च को आ गई। इस बात की भनक पिंकी के पिता को लग गई। ऐसे में वे रोशन के घर पहुंच गए और पिंकी को वहां से जबरन उठाकर अपने घर ले आए।
यहाँ उन्होंने बेटी को बहुत समझाया कि वह अपने प्रेमी को भूल जाए। लेकिन बेटी नहीं मानी और प्रेमी संग रहने की जिद पर अड़ी रही। ऐसे में पिता ने गुस्से में बेटी का गला घोंट उसकी जान ले ली।
पिंकी की शादी को महज 19 दिन ही हुए थे। उसके हाथों की मेहंदी का रंग भी नहीं उतरा था। लेकिन उसके पहले ही पिता ने अपनी बेटी का कत्ल कर दिया। बेटी को मारने के बाद वह गुरुवार सुबह थाने पहुंचा और बोला- मैंने बेटी को मार दिया है, आप जाकर घर से लाश उठा लीजिए।