अमिताभ के मां-बाबू जी भी नज़र आए थे इस फिल्म में, इस खूबसूरत अभिनेत्री का किया था कन्या दान
फिल्म ‘कभी-कभी’ (film kabhi kabhie) में बॉलीवुड के बहुत सारे स्टार्स नज़र आए थे. इस फिल्म को दर्शकों का बेहद ही प्यार मिला था. इस फिल्म को रिलीज़ हुए पूरे 45 वर्ष हो चुके है. यश चोपड़ा (yash chopra) इस फिल्म के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर थे. यह फिल्म 27 फरवरी, 1976 को रिलीज हुई थी. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, राखी , शशि कपूर , वहीदा रहमान (waheeda rehman), ऋषि कपूर (rishi kapoor), नीतू सिंह , सिमी ग्रेवाल जैसे बड़े स्टार्स की भरमार थी.
लेकिन क्या आपको पता है इस फिल्म में महानायक अमिताभ बच्चन के माता-पिता ने भी काम किया था. जी हाँ इस फिल्म में तेजी बच्चन (teji bachchan) और हरिवंशराय बच्चन (harivansh rai bachchan)भी शामिल थे. हालांकि इस फिल्म में इन दोनों का किरदार बहुत ही छोटा सा था, इसलिए वह किसी को नज़र नहीं आया. गौरतलब है कि यश चोपड़ा की यह फिल्म एक कल्ट रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी. इस फिल्म का शानदार म्यूजिक खय्याम ने तैयार किया था.
इस फिल्म के दिल छू लेने वाले गानें, मशहूर शायर साहिर लुधियानवी द्वारा लिखे गए थे. इस फिल्म की कहानी को यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा द्वारा लिखी गई थी. इस फिल्म की पटकथा साहिर लुधियानवी की गई कविता से प्रेरित थी. इसी की कुछ लाइने अमिताभ ने भी फिल्म में कहीं हैं. इस फिल्म में अमिताभ(amitabh bachchan) के माता-पिता पोएट हरिवंशराय बच्चन और तेजी बच्चन ने अभिनेत्री राखी के माता-पिता का किरदार निभाया था.
फिल्म में राखी और शशि कपूर की शादी वाले सीन को देखें अमिताभ के माता-पिता राखी के माता-पिता बनकर बैठे नज़र आएंगे. इस फिल्म में उन्होंने राखी का कन्यादान भी किया था. इस फिल्म की कहानी भी काफी जबरदस्त थी. अमिताभ और राखी दोनों लवर रहते है लेकिन माता-पिता के न मानने पर वह दोनों एप रास्ते अलग कर लेते है.
फिल्म में अमिताभ की शादी वहीदा रहमान से होती है और शशि कपूर की शादी राखी से होती है. इसके बाद फिल्म में अगली पीढ़ी की कहानी आती है जिसका रोल नीतू और ऋषि कपूर ने प्ले किया था. इस फिल्म की शूटिंग कश्मीर में की गई थी, उस समय सभी स्टार्स के परिवार वाले भी साथ गए थे. इसी फिल्म के दौरान ऋषि कपूर और नीतू सिंह का अफेयर शुरू हुआ.
इस फिल्म में यश चोपड़ा फिल्म में ऋषि कपूर के अपोजिट पहले परवीन बाबी को कास्ट करना चाहते थे. मगर किसी वजह से यह फिल्म नीतू कपूर को मिली. आपको बता दें कि इस फिल्म की कहानी राखी को जहन में रखकर ही लिखी गई थी लेकिन उसी दौरान राखी ने गुलजार से विवाह कर लिया था. शादी होने के बाद गुलजार ने राखी से फिल्मों में काम करने के लिए मना कर दिया. यश चोपड़ा के गुलजार को कहने पर वह मान गए और तब राखी ने ये फिल्म की.
यश चोपड़ा इस फिल्म के म्यूजिक के लिए लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को लेना चाहते थे, लेकिन साहिर ने इसके लिए मना कर दिया और इस तरह इसका म्यूजिक खय्याम ने दिया. इस फिल्म ने जब सिनेमा हॉल में कदम रखे तो ऑडियंस का जबरदस्त रिस्पॉन्स देख हर कोई हैरान रह गया.