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इस शख़्स की मदद ने रजनीकांत को बना दिया मेगास्टार, कभी पैसे के लिए बने कुली तो कभी कंडक्टर

दक्षिण भारतीय सिनेमा में भगवान माने जाने वाले दिग्गज़ अभिनेता रजनीकांत की फैन फॉलोइंग दक्षिण भारत ही नहीं बल्कि पूरे देश और विश्व में है. दुनियाभर के लोग उन्हें बेहद प्यार करते हैं. दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही रजनीकांत हिंदी सिनेमा में भी हिट रहे हैं. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग और एक ख़ास पहचान बनाई है. आइए आज आपको इस दिग्गज़ कलाकार से जुड़ी कुछ ख़ास बातों के बारे में बताते हैं…

रजनीकांत के प्रति लोगों में आज भी गजब की दीवानगी है. रजनीकांत आज 70 साल के हैं. 12 दिसंबर 1950 को रजनीकांत क मराठी परिवार में जन्मे थे. इस बात से बेहद कम लोग परिचित है कि रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है. बाद में उन्होंने अपना नाम रजनीकांत रख लिया था.

 

रजनीकांत ने फ़िल्मी दुनिया में क्रांति पैदा कर दी थी, लेकिन फिल्मों में एंट्री न लेने से पहले उनका जीवन भी काफी कठिनाइयों से होकर गुजरा है. रजनीकांत एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते थे और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी. ऐसे में रजनीकांत को कुली बनकर भी काम करना पड़ा. उन्होंने कई दिनों तक कुली का काम किया था.

कुली की नौकरी छोड़ने के बाद रजनीकांत ने बस कंडक्टर के रूप में भी काम किया था. इसी दौरान उनके एक दोस्त ने उन्हें उनके करियर को सही राह पर ले जाने की दिशा प्रदान की. रजनीकांत के एक दोस्त ने उनके भीतर छिपे कलाकार को पहचान कर साल 1974 में मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में उनका दाखिला करवाने में काफी मदद की. यहां अभिनय की बारीकियां सीखने के साथ ही दिग्गज़ रजनीकांत ने तमिल भाषा का ज्ञान भी प्राप्त किया. साथ ही इस दौरान उनका असली नाम भी उनसे छीन गया. फिल्मों में एंट्री के लिए वे शिवाजी राव गायकवाड़ से रजनीकांत बन गए.

1975 में शुरू हुआ फ़िल्मी करियर…

साल 1974 में मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लेने के अगले ही साल रजनीकांत की किस्मत बदल गई. साल 1975 में ही उनकी पहली फिल्म रिलीज हो गई थी. उनकी पहली मिल फिल्म ‘अपूर्वा रांगगल’ आई थी. हालांकि इस फिल्म में वे मुख्य भूमिका में नहीं बल्कि सहायक भूमिका में थे. लेकिन वे अपने काम से दर्शकों पर प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहे थे.

रजनीकांत ने तमिल सिनेमा के साथ कन्नड़ सिनेमा में ही काम किया. एक अभिनेता के रूप में खुद को साबित करने के बाद रजनीकांत को हिंदी सिनेमा में भी काम करने का अवसर प्राप्त हुआ. उनके पास फिल्मों की लाइन लगना शुरू हो गई थी. दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही रजनीकांत ने हिंदी सिनेमा की मदद से भी फैंस का ख़ूब मनोरंजन किया.

रजनीकांत ने अपने 45 साला लम्बे फ़िल्मी करियर में ‘दोस्ती दुश्मनी’, ‘बुलंदी’, ‘गिरफ्तार’, ‘इंसानियत के देवता’, ‘फूल बने अंगारे’, ‘इंसाफ कौन करेगा’, ‘खून का कर्ज’, ‘चालबाज’, ‘हम’, ‘2.0’ जैसी यादगार और सदाबहार फ़िल्में दी.

इन अवॉर्ड्स से हुए सम्मानित…

रजनीकांत ने अब तक कई अवार्ड्स अपने नाम किए हैं. उन्हें फिल्म फेयर बेस्ट तमिल एक्टर के साथ ही 4 बार तमिलनाडु स्टेट फिल्म बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड से भी नवाजा गया है. वहीं भारत सरकार ने भी उन्हें अपने दो प्रतिष्ठित अवॉर्ड साल 2000 में पद्मभूषण और साल 2016 में पद्मविभूषण से नवाज़ा है.

रजनीकांत अपने अभिनय के साथ ही फ़ीस लेने के मामले में भी बहुत आगे हैं. फीस के मामले में वे कई बॉलीवुड सुपरस्टार्स को भी पछाड़ देते हैं. रजनीकांत भारत के सबसे महंगे स्टार्स में से एक हैं. फिल्म ‘कबाली’ के लिए रजनीकांत ने 40 से 60 करोड़ रुपये जबकि अक्षय कुमार के साथ आई फिल्म 2.0 के लिए करीब 80 करोड़ रुपये चार्ज किए थे.

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