Chanakya Niti: ऐसे लोगों पर हमेशा रहती है मां लक्ष्मी की कृपा, अन्न-धन की कभी नहीं होती कमी
आचार्य चाणक्य अपने समय के महान विद्वान थे। आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में ऐसी बहुत सी महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया गया है, जो आजकल के समय में भी बिल्कुल सटीक बैठती हैं। चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में मनुष्य के जीवन से जुड़ी हुई कई बातें बताई हैं। जिन पर अगर इंसान अमल करता है तो उसके जीवन की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। आचार्य चाणक्य को कई विषयों में गहरी समझ थी। यह अपने जमाने के अर्थशास्त्र, राजनीति और सामाजिक शास्त्र के महान ज्ञाता थे।
आचार्य चाणक्य का दिमाग बहुत तेज था, जिसकी वजह से इनको कौटिल्य भी कहा जाता था। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्यम से लोगों को सही मार्ग और एक कामयाब जीवन कैसे प्राप्त किया जा सकता है? यह समझाने की कोशिश की है। इसके अलावा चाणक्य नीति में धन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया गया है। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में श्लोकों के जरिए यह बताया है कि किन लोगों के घर में धन की कमी नहीं होती है।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से चाणक्य नीति की कुछ बातों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिन पर अगर आप ध्यान रखकर अपने आचरण को सुधारते हैं तो इससे आपके ऊपर धन की देवी माता लक्ष्मी जी की कृपा हमेशा बनी रहेगी। तो चलिए जानते हैं आखिर चाणक्य नीति क्या कहती है…..
परोपकरणं येषां जागर्ति हृदये सताम। नश्यन्ति विपद्स्तेषां सम्पद: स्यु: पदे पदे।।
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि जिस मनुष्य के दिल में हमेशा उपकार करने की भावना बनी रहती है, उसके जीवन की सभी विपत्तियों का नाश हो जाता है। इस तरह के मनुष्य अपने जीवन में खूब धन संपत्ति हासिल करते हैं। इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हर मनुष्य के अंदर परोपकार की भावना जरूर होनी चाहिए। परोपकारी व्यक्ति हमेशा अपना जीवन सुखी पूर्वक व्यतीत करता है। जो मनुष्य इन बातों पर अमल करता है उसको अपने जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
हमेशा अन्न का सम्मान करना चाहिए
आचार्य चाणक्य का ऐसा बताना है कि जो मनुष्य हमेशा अन्न का सम्मान करता है उसके घर पर धन की देवी माता लक्ष्मी जी की कृपा दृष्टि बनी रहती है। उस घर के अंदर मां लक्ष्मी का वास होता है परंतु जिस घर में अन्न का सम्मान नहीं किया जाता, उस घर में हमेशा धन की कमी बनी रहती। इसलिए आचार्य चाणक्य का कहना है कि घरों के अंदर अन्न का एक भी दाना बर्बाद नहीं होना चाहिए।
धन संचयन और निवेश करना
चाणक्य नीति में इस बात का जिक्र किया गया है कि जिन लोगों की हमेशा धन संचयन की आदत होती है, उसको अपने जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है क्योंकि संचय किया गया धन ही जरूरत पड़ने पर काम आता है। इसके अलावा धन का सही जगह पर निवेश करने से धन में वृद्धि होती है।
जिन घरों में होता है पति-पत्नी के बीच प्रेम, वहां धन-धान्य की नहीं होती कमी
आचार्य चाणक्य का ऐसा बताना है कि जिन घरों के अंदर पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बना रहता है, जिस घर के अंदर पति-पत्नी प्रेम पूर्वक रहते हैं, उनके बीच किसी भी प्रकार की कटुता नहीं रहती है। उस घर में हमेशा शांति का वातावरण बना रहता है। ऐसे घरों के अंदर कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।