कर्ज के बोझ तले दबा था बाप, साहूकार को बेच दी नवजात बेटी, फिर भगवान ने ऐसे किया न्याय
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने अपने सिर से कर्ज का बोझ उतारने के लिए अपनी नवजात बच्ची को साहूकार को बेच दिया। बाद में साहूकार ने उस बच्ची को दिल्ली में एक दंपति को बेच दिया। हालांकि बच्ची की किस्मत अच्छी थी कि ‘मातृ मंडल सेवा भारती’ द्वारा उसे वापस लाकर मां के हवाले कर दिया गया।
गरीब दंपति कांशीराम कॉलोनी का रहने वाला है। मातृ मंडल सेवा भारती की जिलाध्यक्ष शोभा शर्मा के मुताबिक इस दंपति के ऊपर कॉलोनी में ही रहने वाली महिला साहूकार का कर्ज था। यह कर्ज दस प्रतिशत की दर से दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था। इस दौरान गरीब महिला ने बसंत पंचमी के दिन एक नवजात बच्ची को जन्म दिया। ऐसे में साहूकार की नियत इस बच्ची पर आ गई। उसने बच्ची के पिता को कर्ज माफ करने और साथ में एक लाख 37 हजार रुपए देने का लालच दिया।
बच्ची का पिता इस लालच में आ गया। उसने महिला साहूकार से 37 हजार रुपए ले लिए और एक लाख रुपए बाद में लेने की बात हुई। उधर महिला साहूकार ने बच्ची को दिल्ली में रहने वाले एक दंपति को अवैध रूप से बेच भी दिया। बाद में इस बात की भनक मातृ मंडल सेवा भारती की जिला अध्यक्ष को लगी। ऐसे में उन्होंने बच्ची को वापस मां से मिलाने की तैयारी शुरू कर दी।
संगठन पदाधिकारी भारती सिंह, हिमानी गौड़, प्रेमा श्रीवास्तव, लता शेखर व गीता अग्रवाल इत्यादि मामले का संज्ञान मिलते ही कांशीराम कॉलोनी जा पहुंचे। यहां उन्होंने बच्ची के पिता और महिला साहूकार की खबर ली। साहूकार पर प्रेशर बनाया गया। ऐसे में उसने दिल्ली से बच्ची वापस मँगवा ली।
बाद में संगठन के लोगों ने बच्ची को मां के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं संस्था ने कांशीराम कॉलोनी के पार्क में बच्ची का नामकरण संस्कार भी किया। इस कार्यक्रम में पूरे विधि विधान से बच्ची का नाम कल्याणी रखा गया। इसके साथ ही संगठन ने बच्ची के दूध से लेकर कपड़े, लालन पोषण, शिक्षा दीक्षा और शादी तक का खर्चा उठाने की बात कही।
इस पूरे मामले को लेकर पुलिस अफसरों ने जानकारी से अनभिज्ञता जताई। एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह ने कहा कि महिला साहूकार द्वारा किसी गरीब दंपति की नबजात बेटी को बेचे जाने का मामला फिलहाल संज्ञान में नहीं है इसकी जांच होगी। वहीं डीएम रमाकांत पांडेय ने कहा कि यह एक अपराध है, इसकी एफआईआर होनी चाहिए। यदि किसी ने नहीं लिखवाई तो हम इसे लिखवाएंगे।