तिरुपति बालाजी ने कोरोना से बचाई जान तो चढ़ाया 3KG सोने का शंख-चक्र, जाने मंदिर की सालाना कमाई
आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के तिरुमाला का तिरुपति बालाजी मंदिर (tirupati balaji temple) पूरी दुनिया में फेमस है। हाल ही में इसमें विराजित बालाजी को इंडिया के सबसे अमीर देवता (India’s richest god) होने का खिताब भी मिला है। इस मंदिर में भारी मात्रा में चढ़ावा आता है। जिसमें सोना और कैश दोनों ही शामिल है।
हाल ही में एक भक्त ने अपनी मन्नत पूरी होने पर मंदिर में 2 करोड़ रुपए का सोने से बना शंखचक्र चढ़ाया। इसका वजन करीब साढ़े तीन किलो बताया जा रहा है। सोना दान करने वाले शख्स के अनुसार कोरोना से उसकी सेहत बिगड़ गई थी, ऐसे में उसने तिरुपति बालाजी से मन्नत मांगी थी कि यदि वह ठीक हो जाएगा तो सोना दान करेगा।
वैसे बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी ने मंदिर में इतना सारा सोना चढ़ाया हो, इसके पहले भी कई भक्त मंदिर में बड़ा बड़ा दान कर चुके हैं। यही वजह है कि इसे भारत का सबसे अमीर मंदिर (India’s richest temple) भी माना जाता है।
इस मंदिर में लोग अपनी मुरादें लेकर आते हैं। जब वह मन्नत पूर्ण हो जाती है तो दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाते हैं। यही वजह है कि इस मंदिर की दान पेटी कभी खाली नहीं होती है, ये हमेशा लबालब भरी ही रहती है।
मंदिर के खजाने में करीब आठ टन आभूषण हैं। इसके अलावा भिन्न भिन्न बैंकों में मंदिर के नाम से 3 हजार किलो सोना भी जमा है। वहीं कैश की बात करें तो मंदिर के नाम से कई बैंकों में 1 हजार करोड़ रुपए तक की FD है। कुछ मीडिया रेपोर्ट्स की माने तो तिरुपति बालाजी मंदिर हर साल 650 करोड़ रुपए तक की कमाई कर लेता है।
इस मंदिर की कुल संपत्ति की बात करें तो ये 50 हजार करोड़ से भी अधिक है। मंदिर में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। अकेली नवरात्र में ही मंदिर में 12 से 15 करोड़ रुपए का चढ़ावा आ जाता है।
मंदिर की देखरेख के लिए यहां हजारों की संख्या में लोग काम करते हैं। इन कर्मचारियों को सैलरी भी मंदिर के चढ़ावे में से ही दी जाती है। बहुत से कर्मचारी तो यहां सिर्फ दान में आए कैश गिनने के लिए रखे गए हैं।
सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि बड़े बड़े मंत्री और सितारें भी यहां दिल खोलकर दान देते हैं। अब कर्णाटक के पर्यटन मंत्री रहे जनार्दन रेड्डी को ही ले लीजिए। इन्होंने मंदिर में 16 किलो सोने से बना मुकुट भेंट किया था। इसकी कीमत लगभग 45 करोड़ रुपए थी।