बिजली विभाग ने 80 साल के बुजुर्ग को भेजा 80 करोड़ का बिल, फिर जो हुआ वह किसी ने नहीं सोचा था
जरा सोचिए, आप 80 साल के एक बुजुर्ग हैं। एक दिन आपके घर बिजली का बिल आता है। आप बिल का पर्चा उठाते हैं और देखते हैं कि आपको बिजली विभाग ने पूरे 80 करोड़ रुपए क बिल थमा दिया है। यकीनन इतना बड़ा बोल देखकर आपकी तबीयत बिगड़ जाएगी और बीपी भी हाई हो जाएगा। अब ऐसा ही कुछ मुंबई के वसई इलाके के निर्मल गांव में हुआ है।
यहां 80 वर्षीय गणपत नाईक को बिजली विभाग ने पूरे 80 करोड़ रुपए का बिल दिया है। यह बिल दो माह दिसंबर और जनवरी का है। बोल देख गणपत नाईक के होश उड़ गए। उन्हें यह बिल देख ऐसा सदमा लगा कि उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया और वे अस्पताल में एडमिट हो गए। हालांकि अभी वे ठीक हैं और घर आ चुके हैं।
पिछले 20 सालों से राइस मिल चलाने वाले गणपत नाईक बताते हैं कि उनका औसतन महीने का बिजली बिल लगभग 5 से 6 हजार रुपए आता है। लॉकडाउन में वैसे भी धंधा मंदा ही था। ऐसे में जब 80 करोड़ का बिल आया तो हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई। हमे समझ नहीं आया कि क्या किया जाए।
बाद में गणपत नाइक ने अपना दर्द मीडिया को बयां किया। उन्होंने कहा कि आखिर एक बिजली कंपनी इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकती है। क्या वह इतना बड़ा बिल भेजने के पहले एक बार भी मीटर चेक नहीं करते? उनकी इस भूल से किसी की सदमे में जान भी जा सकती है। वे आगे बताते हैं कि अभी तक हर महीने के अनुसार हमारा अधिकतम बिजली का बिल 54 हजार रुपए ही आया है।
बताते चलें कि 80 साल के गणपत नाईक को इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ( MSEDCL) द्वारा 80 करोड़ 13 लाख 89 हजार 6 रुपए का बिल भेजा गया है। इस खबर के मीडिया में आने के बाद कंपनी को भी अपनी गलती का एहसास हुआ। ऐसे में अपनी लापरवाही के बारे में बात करते हुए बिजली बोर्ड के अधिकारी सुरेंद्र मोनेरो ने कहा कि ये एक अनजानी मिस्टैक थी। उन्हें गलती से 6 की बजाय 9 अंकों का बिल बनाकर भेज दिया गया। हमने इसमें सुधार कर दिया है।
गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से महाराष्ट्र में बढ़ते बिजली के बिल के काफी मामले सामने आ रहे हैं। मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) इसी बिल को मुद्दा बना बीते कुछ महीनों से अपना आंदोलन भी चला रही है। कुछ दिन पहले ही शिवसैनिकों द्वारा बिजली विभाग के ऑफिस में तोड़फोड़ भी की गई थी।
वैसे क्या आपको कभी ज्यादा बीजल का बिल आया है?