मिट्टी घोटाला मामले में लालू परिवार को क्लीन चिट, सरकार ने कहा नहीं हुआ कोई घोटाला तो कैसी जांच?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार कि मुश्किलें फिलहाल कम होती नजर आ रही हैं. बीते दो महीने से बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी जिस तरह से लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों पर हमलावर थे उससे यह लगता था कि वह आसानी से उनका पीछा नहीं छोड़ने वाले हैं.
सुशील मोदी ने मिटटी घोटाले का आरोप लगाया था :
सुशील मोदी ने लालू के बेटों पर खास तौर से तेज प्रताप यादव पर 90 लाख रूपये के मिटटी घोटाले का आरोप लगाया था. इस मामले में वो लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. इसपर बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार ने सिंह ने जांच के बाद लालू यादव और उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में कोई मिट्टी घोटाला नहीं हुआ है.
लालू परिवार एकबार फिर टशन में :
मुख्य सचिव ने यह स्पष्ट किया कि कोई घोटाला ही नहीं हुआ तो किसकी जांच कराई जाये. सरकार ने इस पूरे मामले की जांच कराई है और पाया है कि बिहार में कोई मिटटी घोटाला नहीं हुआ है. यह बात उन्होंने जांच कराने के बाद कही. माना जा रहा है कि इस क्लीन चिट के बाद सरकार में बैकफुट पर खड़ा लालू परिवार एकबार फिर टशन में आ सकता है.
मुख्या सचिव ने बीजेपी नेता सुशील के 90 लाख के घोटाले का आरोप लगाने पर जवाब दिया कि 9 लाख रूपये की मिट्टी का उपयोग किया गया है मगर कोई घोटाला नहीं हुआ है. दरअसल मामला यह है कि तेज प्रताप यादव की कम्पनी पटना में सबसे बड़ा मॉल बनवा रही है. उसमें बेसमेंट में 2 मंजिल की पार्किंग बननी है. ऐसे में बीजेपी नेता सुशील मोदी ने उनपर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने मॉल से निकली मिट्टी को सरकार को 90 लाख रूपये में बेचा है और इसके लिए नियमों का उल्लंघन किया गया है.
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केवल उस मिट्टी को खपाने के लिए तेज प्रताप ने अपने मंत्रालय में एक टेंडर निकाला और एक उद्यान ने मिट्टी से निर्माण कार्य कराया गया. जबकि वास्तव में इसकी कोई जरूरत नहीं थी. इस मामले को लेकर सुशील मोदी और विपक्ष लालू के बेटों के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. हालांकि इस क्लीन चिट से कहीं न कहीं लालू परिवार ने राहत की सांस जरूर ली है.