चाणक्य नीति : इन तीन चीजों को कभी न समझे छोटा, वरना बर्बाद होने में नहीं लगेगी देर
आचार्य चाणक्य को महान शिक्षाविद, अर्थशास्त्री और नीति शास्त्री कहा जाता है. लेकिन आचार्य चाणक्य को इतने नामों से आखिर क्यों जाना जाता है. उन्हें इतनी सारी संज्ञाएं क्यों दी गई है. बता दें कि, आचार्य चाणक्य ने मानव को जीने की राह दिखाई, जीने की कला सिखाई. आज भी लोग उनके बताए गए मार्ग पर चलना पसंद करते हैं.
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कई ऐसी बातें बताई है जो मानव जीवन में कदम-कदम पर काम आती रहती है. ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने बताया है कि, मनुष्य को किन तीन चीजों को भूलकर भी कभी छोटा नहीं समझना चाहिए. नहीं तो यह भूल हमे बहुत भारी पड़ सकती है. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि समय बढ़ने के साथ ये तीन चीजें मानव को बड़ी दुविधा में डाल सकती है. तो आइए जानते हैं वे तीन चीजें कौन-सी है…
रोग…
कहा जाता है कि, मानव के लिए सबसे बड़ा सुख निरोगी काया होता है. जिसके पास एक स्वस्थ और निरोगी शरीर है वह सबसे बड़ा सुखी है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक़, रोग को कभी भी छोटा नहीं समझना चाहिए. छोटे से छोटा रोग होने पर भी तुरंत दवाई लेकर उसे ठीक करने के प्रयास करने चाहिए. न कि उसे नजरअंदाज करना चाहिए. अक्सर देखने में आता है कि, लोग छोटा-मोटा रोग होने पर ठीक से उपचारा नहीं कराते हैं और वे दवाई लेकर जल्द से जल्द ठीक होना चाहते हैं, लेकिन भविष्य में कोई छोटा सा रोग विकराल रूप धारण कर लें तो यह हमारे लिए बेहद नुक़सानदायक हो सकता है. अतः रोग को कभी भी छोटा न समझे.
कर्ज…
कर्ज लेना और देना दोनों ही परेशानी के सबब बन जाते हैं. कर्ज लेने वाला व्यक्ति कर्ज चुकाने में असमर्थ हो जाए तो समस्या, वहीं कर्ज देने वाले व्यक्ति के पास पैसा समय पर न आए तो उसे भी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, रोग की भांति ही कर्ज को भी हमे कभी छोटा नहीं समझना चाहिए. समय के साथ कर्ज बढ़ने लगता है और कई बार इस पर लगने वाला ब्याज भी आपको परेशानी में डाल सकता है. कर्ज लेने वाले व्यक्ति को इस बात का विशेष ध्यान रखना चहिए कि कर्ज को तय समय सीमा पर लौटा देना चाहिए.
शत्रु…
आचार्य चाणक्य कर्ज और रोग की भांति ही शत्रु को भी छोटा न मानने के लिए कहते हैं. शत्रु या दुश्मन को छोटा न समझने के साथ ही कभी भी उसे दुर्बल अथवा कमजोर भी नहीं समझना चहिए. चाणक्य कहते हैं कि, जो लोग अपने शत्रु को छोटा समझने की भूल करते हैं, उन्हें कभी भी बड़ी समस्या से गुजरना पड़ सकता है. अतः इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, अपने शत्रु को कभी छोटा या कमजोर न आंकें और उससे हमेशा सतर्क रहे. नहीं तो कभी भी वह उचित समय देखकर आपको दुविधा में डाल सकता है.