आरोपियों ने बनाई थी दो टूलकिट, 4-5 फरवरी को दिल्ली में करना चाहते थे एक ओर हिंसा
टूलकिट केस (Toolkit Case) की जांच में दिल्ली पुलिस ने एक ओर बड़ा खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार टूलकिट के जरिए दिल्ली में हिंसा करवाने की योजना बनाई जा रही थी। दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि आरोपी कार्यकर्ताओं ने कुल दो टूलकिट तैयार की थी। एक टूलकिट 26 जनवरी को अशांति फैलाने के लिए तैयार की गई थी। जबकि दूसरी टूलकिट फरवरी महीने में बनाई गई थी। इसके जरिए भी दिल्ली में अशांति फैलाई जाने की साजिश रची गई थी। इस टूलकिट को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जाना था।
दिल्ली पुलिस के अनुसार 26 जनवरी को हुई दिल्ली हिंसा (Delhi violence) से जुड़े विभिन्न भड़काऊ हैशटैग के जरिए 4 और 5 फरवरी को दिल्ली में एक बार फिर से अशांति फैलाने की योजना थी। हालांकि ऐसा हो न सका। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस दूसरी टूलकिट को निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के अलावा ब्रिटेन की मरीना पैटरसन ने तैयार किया था। मरीना पर एक्सटिंशन रेबेलियन नामक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन से भी जुड़ने का आरोप है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अफसर ने मीडिया को जानकारी दी और बताया कि इन सभी आरोपियों की ओर से तैयार की गई टूलकिट में हिंसा का प्लान बताया गया था। हालांकि वे इसमें कामयाब नहीं हुए। अचानक से पहली टूलकिट के बारे में पुलिस को पता चल गया। जिसके कारण दूसरी टूलकिट ये लोग शेयर नहीं कर सके। दरअसल 3 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग ने पहली टूलकिट को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था। जिसके चलते पुलिस को इसके बारे में पता चल गया। पहली टूलकिट दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग को भेजी थी। वहीं ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा रवि के कहने पर इसे हटा भी दिया था। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और पुलिस को टूलकिट के बारे में पता चल गया।
इसके बाद पुलिस ने जांच की और दिशा रवि को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान ही पुलिस को दूसरी टूलकिट के बारे में पता चला। जिसके जरिए एक बार फिर से दिल्ली में हिंसा की जानी की योजना बनाई गई थी। इस मामले में दिशा के अलावा निकिता और शांतनु भी मुख्य आरोपी हैं और इनपर पहला टूलकिट दस्तावेज तैयार करने और उसे शेयर करने का आरोप है।