शबनम होगी देश की पहली महिला जिसे दी जाएगी फांसी, 13 साल पहले की थी परिवार के 7 लोगों की हत्या
देश में पहली बार किसी महिला को फांसी दी जा रही है। ये फांसी उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा की महिला जेल में दी जाएगी। दोषी शबनम को ये फांसी पवन जल्लाद देने वाले हैं। शबनम अमरोहा की रहने वाली हैं और परिवार के 7 लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या करने के आरोप में दोषी पाई गई थी। तभी से ये जेल में बंद हैं। हाल ही में शबनम ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा था और फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई थी। लेकिन 15 फरवरी को राष्ट्रपति ने शबनम की इस दया याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद जल्द ही अब शबनम को फांसी की सजा दी जाएगी।
हालांकि किस तारीख को शबनम में फांसी दी जानी है, ये अभी तय नहीं किया गया है। लेकिन फांसी घर की मरम्मत और फंदे के रस्सी का ऑर्डर दिया जा चुका है। पवन जल्लाद ने बताया कि वो 6 महीन पहले ही मथुरा जेल गए थे। वहां काफी खराब हालत थी। जिस तख्ते पर दोषी को फांसी दी जाती है, वो टूट चुका था। लेकिन अब उसे बदल दिया गया है। लीवर भी जाम था, उसे ठीक कर दिया गया है। मेरठ के जेल अधीक्षक डॉक्टर बीबी पांडेय ने बताया कि मथुरा जेल से जैसे ही पवन जल्लाद को बुलावा आएगा, उसे भेज देंगे।
इस केस में पाया गया दोषी
अमरोहा के बाबनखेड़ी गांव की निवासी शबनम ने 13 साल पहले अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस अहमद, उसकी पत्नी अंजुम, भतीजी राबिया और भाई राशिद के अलावा अनीस के 10 महीने के बेटे अर्श की हत्या कर दी थी। शबनम ने इन सभी को दवा देकर बेहोश किया था और इसके बाद अर्श को छोड़कर अन्य को कुल्हाड़ी से काट डाला था। सबको मारने के बाद शबनम ने अर्श का गला दबाकर उसकी भी हत्या कर दी थी। ये वारदात 15 अप्रैल 2008 की है।
जब पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पाया कि शबनम गर्भवती थी। लेकिन परिवारवाले सलीम से उसकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। इसी वजह से शबनम ने प्रेमी सलीम से मिलकर पूरे परिवार की हत्या कर दी। 15 जुलाई 2010 को ट्रायल कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था। शबनम ने बेटे का हवाला देते हुए माफी की मांग की थी। लेकिन साल 2015 में UP के गवर्नर राम नाईक ने भी शबनम की दया याचिका याचिका खारिज कर दिया था।
जेल में रहने के दौरान शबनम ने 14 दिसंबर 2008 को बेटे को जन्म दिया था। 15 जुलाई 2015 में उसका बेटा जेल से बाहर आया गया था। जिसे शबनम उस्मान सैफी और उसकी पत्नी सौंप दिया था। उस्मान शबनम का कॉलेज का दोस्त है और बुलंदशहर में पत्रकार है। अपने बेटे को उस्मान को सौंपते हुए शबनम ने दो शर्तें रखी थी। पहली की उसके बेटे को कभी भी उसके गांव में न ले जाया जाए। क्योंकि उसकी जान को खतरा है और दूसरी शर्त ये थी कि बेटे का नाम बदल दिया जाए। शबनम अभी रामपुर जेल में बंद है, जबकि उसका प्रेमी आगरा जेल में है।