अफगानिस्तान में सेना के कैंप पर आतंकी हमला, 140 सैनिकों की मौत!
शुक्रवार को अफगानिस्तान के बल्ख राज्य की राजधानी मजार ए शरीफ में एक आतंकी हमले में अफगान आर्मी के 140 जवानों की मौत हो गई. यह हमला आर्मी के कैंप कर किया गया. हमलावरों ने आर्मी कैंप में घुस कर इस हमले को अंजाम दिया. पहले अधिकारियों ने 50 सैनिकों की मौत की पुष्टि की थी मगर बाद में मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला कि लगभग 140 सैनिकों की मौत हो गई है. हमलावरों ने मस्जिद में नमाज पढ़ रहे सैनिकों को निशाना बनाया और अंधाधुंध फायरिंग की.
10 हमलावरों ने आतंकी हमला किया :
दरअसल अफगानिस्तान के उत्तरी शहर मजार ए शरीफ के पास स्थित आर्मी कैंप पर तालिबान के 10 हमलावरों ने आतंकी हमला किया. सभी हमलावर अफगान आर्मी की वर्दी में थे. इसलिए उन्हें आर्मी कैंप के अन्दर तक आने में कोई दिक्कत नहीं हुई. चेकपोस्ट पर उनसे पूछताछ नहीं की गयी. आर्मी बेस पर कैंप में घुसने के बाद हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, 2 हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया और अफगान कमांडोज की जवाबी कार्रवाई में 7 हमलावरों को मार गिराया गया. एक हमलावर को जवानों ने पकड़ लिया.
Ongoing militant attack on Afghan military base kills dozens, probably more than 50 people: Reports Reuters quoting US military spokesman
— ANI (@ANI) April 21, 2017
अफगान डिफेन्स मिनिस्ट्री के प्रवक्ता दावलत वजीरी ने बताया एक हमलावर को जिन्दा पकड़ लिया गया है और काफी संख्या में अफगान आर्मी के जवान घायल हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि हमले के बाद कई मिलिट्री हेलीकॉप्टर जवानों का शव उठाते दिखे. शुरुआती रिपोर्ट्स में मारे गए सैनिकों की संख्या 50 बताई जा रही थी जो कि बाद में बढ़कर 140 हो गई.
मस्जिद के अन्दर बैठे जवानों को टारगेट किया:
हमलावरों ने नमाज पढ़ रहे सैनिकों को और खाना खा रही अफगान आर्मी की 209वीं कॉर्प को निशाना बनाया. इसलिए नुकसान ज्यादा हुआ. उन्होंने मस्जिद के अन्दर बैठे जवानों को टारगेट किया. अफगान आर्मी की वर्दी पहने होने के कारण उन्हें ज्यादा दिक्कतों का सामना भी नहीं करना पड़ा.
गौरतलब है कि इससे पहले भी अफगान आर्मी पर तालिबान ने हमला किया था. मार्च में भी तालिबान ने अफगान आर्मी को टारगेट कर हमला किया था. फिलहाल इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. तालिबान ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली.
दूसरी तरफ अफगानिस्तान में न सिर्फ अफगान आर्मी बल्कि अन्य देशों की सेनाएं भी काम कर रही हैं. जिनमें अमेरिकी सेना के करीब 8400 सैनिक अभी भी पाकिस्तान में हैं. वहीं नाटो के लगभग 5000 सैनिक अफगानिस्तान में तैनात हैं. अफगानिस्तान लम्बे समय से अस्थिरता झेल रहा था. यहां तालिबान और अन्य आतंकी संगठन का कब्जा था. बीते कुछ समय से यहां लोकतंत्र बहाल हुआ है और सरकार कार्यरत है. ऐसे में तालिबान लगातार सरकार को अस्थिर करने का काम करता रहता है.