18 वर्षीय युवती ने लोगों को बचाने के लिए बिना सोचे 21 फिट गहरी नहर में छलांग लगा दी, लेकिन..
मध्यप्रदेश में मंगलवार को दिन में बेहद ही दर्दनाक हादसा हुआ. यहाँ सीधी से सतना जा रही एक यात्री बस पानी से भरी नहर में पलट गई. इसमें मौजूद तक़रीबन 47 लोगों की मौत हो गई. बस हादसे के समय लोगों को बचाने के लिए सबसे पहले वहा सरदा गांव की शिवारानी लोनिया और आशा बंसल मौके पर पहुंची थीं.
‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई’
बेटी शिवरानी के साहस को प्रणाम करता हूँ।
अपनी जान की परवाह न करते हुए इस बेटी ने सीधी में घटनास्थल पर नहर में छलांग लगाकर दो नागरिकों की जान बचाई है।
मैं बेटी को धन्यवाद देता हूँ। पूरे प्रदेश को आप पर गर्व है। ??https://t.co/MYvDHGQ5l1
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 16, 2021
उन दोनों ने बताया कि जैसे ही वह वहाँ पहुंची उन्होंने अपनी जान कि फ़िक्र न करते हुए बाणसागर नहर में छलांग लगा दी और बस के पिछले दरवाजे से निकले सात लोगों को पानी से बाहर निकाल लिया. इनमें एक बच्चा भी शामिल है. बस का ड्राइवर खुद ही तैरकर बाहर आ गया था. इस घटना के बारे में 18 साल की शिवानी ने बताया कि सुबह करीब सात, साढ़े सात बाज़ रही थी. मैं अपने घर के बाहर बैठी हुई थी. बस नहर के किनारे से गुर रही थी और फिर देखते ही देखते वह अचानक नहर में गिर गई.
बस को नहर में गिरता देख मैं चीखती हुई भाई के साथ उस और दौड़ पड़ी. बस के पिछले दरवाज़े से कुछ लोग बाहर तो निकल आए थे, लेकिन वह बहने लगे. मैंने उन्हें बचाने के लिए बिना कुछ सोचे छलांग लगा दी और उन्हें सहारा देकर किनारे पर ले आई. बस एक बच्चे नहीं बचा पाने का दुःख है वह मेरी आखों के सामने से पानी में बह गया.
वहीं आशा ने बताया कि बस बहकी तो उसका पिछला हिस्सा नहर में लटक गया था. बस को देखकर ऐसा लग रहा था कि ड्राइवर ने ब्रेक लगाकर संभालने की कोशिश की, लेकिन ढाल ज्यादा होने की वजह से वह बस पर कंट्रोल नहीं कर पाया. मैं तेज़ी से बस की और भागी देखते ही देखते पूरा गाँव वहा आ गया. इसके बाद पुलिस और प्रशासन को फोन करके खबर दी गई. इसके बाद प्रशासन के लोग भी आधा घंटा में पहुंच गए. तब जाकर डूबे हुए लोगों की तलाश शुरू हो पाई.
इस बस हादसे में मौत के मुँह से लौटी सीधी जिले के गांव पोस्ट चौपाल की रहने वाली 22 साल की छात्रा वीरा प्रजापति ने अपने छोटे भाई को हमेशा के लिए खो दिया है. उसने बताया बस की सीट पर 2 की जगह 3 लोगों को बिठाया गया था. ड्राइवर ने नहर की पुलिया से पहले ही गाड़ी मोड़ ली और दूसरे ही रास्ते से ले जाने लगे. वह बस बहुत तेज़ चला रहा था, कई लोगों ने उसे बस धीरे चलाने का कहा. उसने किसी की नहीं सुनी और थोड़ी देर बाद एक जोरदार झटका लगा. थोड़ी देर बाद बस में पानी भरने लगा. मुझे नहीं पता मैं कैसे बाहर आई पर इस हादसे में मेरा छोटा भाई पता नहीं कहा बह निकला.
आपको बता दें कि यह बस 62 लोगों के साथ सतना जा रही थी. रास्ते में यह 22 फीट गहरी बाणसागर नहर में गिर गई. रात तक बचाव कर्मी द्वारा 51 लोगों के शव निकाल लिए गए थे. ड्राइवर ने छात्रों के कहने पर दूसरा रास्ता लिया था क्योंकि उन्हें एग्जाम देने जाना था. इस रास्ते से नहर होकर जाती थी और रास्ता भी बहुत छोटा था. इसी दौरान बस का संतुलन बिगड़ा और बस नहर में गिर गई.