संयुक्त राष्ट्र में भारत का दबदबा, दो इकाइयों के चुनाव में भारत जीता, 50 में 49 वोट भारत के पक्ष में!
पीएम मोदी और उनके दिन रात काम करने का नतीजा यह है कि पूरे विश्व में भारत की छवि बदल रही है. अब भारत कोई फिसड्डी देश नहीं माना जाता है. पूरा विश्व भारत को तमाम मुद्दों पर समर्थन करने के लिए खड़ा रहता है, एक तरफ इसके लिए पीएम मोदी कि मेहनत है तो दूसरी तरफ भारत के राजनयिकों का अथक परिश्रम भी इसमें बहुत बड़ा रोल प्ले करता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत का दबदबा :
पीएम मोदी अच्छे और कर्मठ अधिकारियों को खुलकर काम करने की आजादी देते हैं यही वजह है कि उनके कामों का आउटकम अपेक्षाकृत ज्यादा मिलता है. फिलहाल भारत और भारत के मेहनती राजनयिकों के अथक परिश्रम से भारत विश्व समुदाय के बीच नई नई बुलंदियों को छू रहा है.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र की इन दोनों इकाइयों का चुनाव जीत लिया :
भारत ने संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था की दो सहायक इकाइयों का चुनाव जीत लिया है. यह संस्था सामाजिक और आर्थिक मामलों के लिए काम करती है. इसमें संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद की सहायक इकाई कमेटी फॉर प्रोग्राम एंड कोआर्डिनेशन और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद शामिल हैं. भारत ने संयुक्त राष्ट्र की इन दोनों इकाइयों का चुनाव जीत लिया है.
ईसीओएसओसी यानी कि संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की सहायक इकाई सीपीसी यानी कि कमेटी फॉर प्रोग्राम एंड कोआर्डिनेशन में भारत को 12 अन्य सदस्यों के साथ चुना गया.
वहीं ईसीओएसओसी के 50 सदस्यों में से 49 सदस्यों ने भारत के समर्थन में मतदान किया. भारत को एशिया से जुड़े समूह में सबसे ज्यादा समर्थन और मत प्राप्त हुआ. इसपर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी सदस्य सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट करके जानकारी दी. उन्होंने अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि ‘भारत संयुक्त राष्ट्र के चुनाव में एशियाई समूह में एक बार फिर शीर्ष पर रहा. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के 50 में से 49 सदस्यों ने कमेटी फॉर प्रोग्राम एंड कोऑर्डिनेशन में भारत को चुना’
India tops Asian group again @Un elections
49 of 50 members of Economic & Social Council vote India to Committee for Program & Coordination— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) April 20, 2017
गौरतलब है कि जनवरी 2018 से शुरू होने वाले तीन साल के कार्यकाल के लिए जिन 13 सदस्यों को चुना गया है उनमें बुर्किना फासो, इराक, जापान, पाकिस्तान, बेलारूस, बुल्गारिया, मोलदोवा, ब्राजील, चिली, क्यूबा, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.