फ्रांस में अब इस्लामिक कट्टरवाद पर लगेगी लगाम, विवादित बिल को मिली संसद से मंजूरी
फ्रांस (France) की संसद ने इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ बनाए गए बिल को मंजूरी दे दी है। इस बिल में मस्जिदों और मदरसों पर सरकारी निगरानी बढ़ाने का प्रावधान है। इसके अलावा बहु विवाह (polygamy) और जबरन विवाह (forced marriage) को रोकने का प्रावधान भी इस बिल में है। दरअसल शिक्षक सैम्युएल पैटी की हत्या के बाद से ही फ्रांस में इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ कड़ा कानून लाने की तैयारी की जा रही थी। वहीं अब ये बिल संसद से मंजूर हो गया है। इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ लाए गए इस बिल के समर्थन में 347 वोट पड़े थे। जबकि 151 सांसदों ने इसका विरोध किया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) लंबे समय से इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ कानून लाने की बात कह रहे थे। वहीं अब इन्होंने इस दिशा में ये कदम उठा दिया है। इस बिल को फिलहाल संसद के निचले सदन द्वारा पारित किया जा चुका है। अब इसे उच्च सदन यानी सीनेट में पेश किया जाएगा।
इस बिल को लेकर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का बयान भी आया है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि जेंडर इक्वेलिटी और सेक्युलरिज्म जैसे फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा किया जाना आवश्यक है, इसलिए ऐसे कानून देश हित में हैं। वहीं फ्रांस में रहने वाले मुस्लिमों की प्रतिक्रिया भी इस कानून पर आई है और इनका कहना है कि ये कानून ना केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करेगा। बल्कि उन्हें इसके जरिए निशाना बनाया जाएगा। चूंकि फ्रांस के पास पहले से आतंकवादी हिंसा से लड़ने के लिए पर्याप्त कानून है। इसलिए नया बिल लाने की कोई जरूरत नहीं थी।
इमैनुएल मैक्रों द्वारा लाए गए कानून को फ्रांस में आने वाले राष्ट्रपति चुनाव से भी जुड़कर देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि फ्रांस में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव के मध्य नजर इमैनुएल मैक्रों ये बिल लाए हैं। क्योंकि पिछले साल हुई शिक्षक सैम्युएल पैटी की हत्या के बाद से फ्रांस में इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ कड़े कानूनों को लाने की मांग तेजी से की जा रही थी। इस बिल के जरिए रूढ़िवादी और दक्षिणपंथी मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि ये बील सीनेट से भी पास हो जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर महीने में एक हमलावर ने टीचर सैम्युएल पैटी का सिर काट दिया था। टीचर सैम्युएल पैटी द्वारा स्टूडेंट्स को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया गया था। जिसके कारण उनकी हत्या की गई थी। ये घटना राजधानी पेरिस से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर कॉनफ्लैंस सेंट-होनोरिन के एक मिडिल स्कूल के बाहर हुई थी।