टूलकिट केस: देश द्रोह में कड़ी सजा मिलने के डर से दिशा रवि ने ग्रेटा से डिलीट करवाई थी टूल किट
देश की राजधानी दिल्ली में लगभग 82 दिनों से किसान आंदोलन चल रहा है. देश भर के किसान दिल्ली सीमाओं की बॉर्डर पर बैठे हुए है. 26 जनवरी की घटना के बाद कई लोगों ने किसानों का सपोर्ट किया. इनमे जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी थी. ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में एक टूल किट भी अपलोड कर दी थी. जिसे बाद में हटाया गया था. यह एक डॉक्यूमेंट टूल किट थी. इसमें सभी तरह के प्लान के बारे में लिखा गया था. इसमें पहले से हुई 26 जनवरी की घटना का भी जिक्र किया गया था.
अब इस मामले में किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ शेयर करने को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. आपको बता दें कि यह टूल किट टेलीग्राम के माध्यम से जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को भारत से दिशा रवि ने दिया था. बाद में दिशा रवि ने यूएपीए जैसे सख्त कानून के तहत कार्रवाई से डरकर स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता को अपने पोस्ट को डिलीट करने के लिए कहा था.
ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उस पोस्ट में उनके नाम का भी जिक्र था. मामले को देख रही पुलिस ने दावा किया कि ग्रेटा ने दिशा के कहने के बाद कथित रूप से ट्वीट को हटा दिया और बाद में, दस्तावेज का एक एडिटेड वर्जन दोबारा पोस्ट किया. इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि डॉक्यूमेंट में एडिटिंग 22 वर्षीय दिशा रवि ने ही की थी. पुलिस के मुताबिक दिशा ने व्हाट्सएप पर ग्रेटा को मैसेज किया, ‘ठीक है, क्या ऐसा हो सकता है कि आप उस डॉक्यूमेंट टूलकिट को पूरी तरह से ट्वीट न करें. हम लोग थोड़ी देर तक इंतज़ार के सकते हैं. मुझे खेद है, लेकिन उस टूलकिट पर हमारे नाम हैं. जिसके कारण हम पर यूएपीए के तहत कार्रवाई हो सकती है. इसलिए मैं अपने वकीलों से बात करने वाली हूं.’
मामले में पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि दिशा ने कथित रूप से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज होने के डर से ग्रेटा से उनका ट्वीट डिलीट करने के लिए कहा था. आपको जानकारी देते हुए बता दें कि इस मामले मे पुलिस ने राजद्रोह के आरोपों के चलते दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम टीम द्वारा शनिवार को बेंगलुरु की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया था.
आपको बता दें कि इस टूल किट में भारत विरोधी योजनाओं को काफी अच्छी तरीके से मेंशंन किया गया था. इसमें आगे किस तरह से देश में हिंसा करना है. ट्विटर स्टॉर्म बनाने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जैसी बातें विस्तार से लिखी गई थी. इसमें मीडिया पर भी निशाना साधा गया था. यह टूल किट किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए तैयार की गई थी. जाँच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि उस टूल किट में दिशा रवि का नाम भी था, इसलिए उसने ग्रेटा से मैसेज कर टूलकिट को डिलीट करने के लिए कहा.
आपको बता दें कि UAPA कानून बहुत ही सख्त है. साल 1967 बने इस कानून में वर्ष 2019 में सरकार द्वारा कुछ संशोधन करके इसे कड़ा बना दिया गया है. इस कानून के तहत आरोपी को जमानत भी नहीं मिलती है.