केजरीवाल ने दंगे करने वालों का किया समर्थन, दिशा की गिरफ्तारी को बताया लोकतंत्र पर हमला
टूलकिट मामले में गिरफ्तार हुई जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के बचाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उतर आए हैं और इन्होंने दिशा की गिरफ्तारी का विरोध किया है। आज अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट करते हुए दिशा की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर ‘अभूतपूर्व हमला’ बताया। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 21-वर्षीय दिशा रवि की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला है। अपने किसानों का समर्थन करना अपराध नहीं है।
Arrest of 21 yr old Disha Ravi is an unprecedented attack on Democracy. Supporting our farmers is not a crime.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 15, 2021
दरअसल दिल्ली पुलिस ने दिशा को किसानों के प्रदर्शन (Farmer Protest) से जुड़ी ‘टूलकिट’ को सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता पाया था। जिसके बाद दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया। दिशा रवि की गिरफ्तारी पर अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ये प्रतिक्रिया आई है। वहीं इस गिरफ्तारी पर पुलिस का बयान भी आया है और अपने बयान में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्यों ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया, ‘ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट साझा करने वालों में से रवि भी एक थीं।
इतना ही नहीं ग्रेटा थनबर्ग को सोशल मीडिया से टूलकिट हटाने के लिए भी दिशा ने ही कहा था। पुलिस ने रविवार को बताया कि दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के दल ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रवि को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया और बाद में ‘टूलकिट’ बनाने एवं उसके प्रसार में संलिप्तता पाए जाने के चलते गिरफ्तार कर लिया गया। रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की डिग्री धारक हैं और ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं।
भेजी गई हिरासत में
दिशा को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में भी पेश किया गया और दिल्ली की एक अदालत ने दिशा रवि को पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने रवि को रविवार को अदालत में पेश करते हुए उसकी सात दिन की हिरासत मांगी थी। लेकिन पुलिस ने पांच दिन की हिरासत ही पुलिस को दी। खबर के अनुसार सुनवाई के दौरान रवि अदालत में रो पड़ीं और न्यायाधीश से कहने लगी कि उसने केवल दो लाइनें ही संपादित की थीं। वो किसान आंदोलन का समर्थन करना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने ऐसा किया।