सरकार के इस नए लेबर लॉ को लागू करते ही खुल जाएगी मजदूरों की किस्मत, अब मिलेगा ज्यादा पैसा
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने चार श्रम संहिता के तहत नियमों को बदलने हुए अंतिम रूप दे दिया है. इसके साथ ही श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) आने वाले नए वित्त वर्ष में नई श्रम संहिताओं (Labour Law) को लागू करने की सोच रही है. हालिया सरकार इसमें कुछ अंतिम फेरबदल कर रही है. इन नए नियमों को लागू करने से देशभर में सुधरे नियमों का एक नया दौर देखने को मिलेगा.
आपको बता दें कि सरकार नए श्रम कानूनों (New Labour Laws) के साथ ही इसे लेकर पैदा हुई शंकाओं को दूर करने की भी कोशिश में लगी हुई है. इसके साथ ही सरकार ओवरटाइम के नियमों में भी बदलाव करने में लगी हुई है.
तय समय सीमा से ज्यादा रुकने पर देना होगा पैसा
एक निजी अखबार की खबर के मुताबिक नए श्रम संहिताओं (Labour Law) के तहत अगर किसी भी कपंनी का कर्मचारी अपने तय समय से ज्यादा देर तक अगर काम करता है या उससे करवाया जाता है तो उस कपंनी को अपने कर्मचारी को उस 15 मिनिट का पैसा भी देना होगा. मतलब अगर आप काम के घंटे खत्म होने के बाद भी अगर आप 15 मिनट भी अधिक काम करते हैं तो कंपनी को इसके लिए पैसा देना होगा. ज्ञात हो कि पुराने समय सीमा नियम के मुताबिक यह आधे घंटे थी.
इस महीने के अंत तक तय कर ली जाएगी प्रक्रिया
ख़बरों कि माने तो इस मामले से जुड़े सभी अधिकारियों ने श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने नए श्रम कानूनों (New Labour Laws) के बारे में सभी हितधारकों से विचार-विमर्श और सभी तरह के बिंदुओं पर बात कर ली है. अब इस महीने के अंत तक सभी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा और नए नियमों को नए वित्तीय वर्ष तक लागू कर दिया जाएगा.
ESI और PF को लेकर भी नियम में बदलाव
ज्ञात हो कि नए कानून (Labour Law) में कंपनियों को यह तय करना है कि उनके कर्मचारियों को पीएफ (PF) और ईएसआई (ESI) जैसी सुविधाएं मुहैया हो. सरकार के ने नियम के मुताबिक कोई भी कंपनी यह कहकर नहीं च सकती है कि उनका एम्प्लॉय कॉन्ट्रैक्टर या थर्ड पार्टी के जरिए आया है या काम कर रहा है. वहीं कॉन्ट्रैक्ट या थर्ड पार्टी से काम करने वाले कर्मचारियों को पूरा पैसा मिले. हालांकि सभी नियम कंपनियों के नियम के मुताबिक ही लागू हो पायंगे. आपको बता दें कि इसके साथ ही श्रम मंत्रालय काम के घंटों को लेकर भी काम कर रहा है. अभी लोग हफ्ते में छह दिन 8 घंटे काम करते है. मतलब कुल 48 घंटे सरकार इन 48 घंटों को फ्लेक्सिबल बनाने पर काम कर रही है. ताकि 4 दिनों में 48 घंटे काम करके कर्मचारी को 3 दिन का अवकाश मिल सके.