सोने के उस्तरे से दाढ़ी बनाता है ये नाई, एक बार की शेविंग के लिए देने पड़ते हैं इतने रुपए
कोरोना काल में हर किसी का धंधा चौपट हो गया था। हालांकि अब धीरे धीरे सबकुछ ठीक होता जा रहा है। लेकिन कुछ चीजें अभी भी ऐसी है जिसे करने में लोगों को डर लगता है। उदाहरण के लिए हेयर सैलून की दुकान को कोरोना काल में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। कटिंग तो फिर भी लोग हिम्मत कर करवा लेते हैं, लेकिन शेविंग का जोखिम बहुत कम लोग ही उठाते हैं। इसमें नाई आपके सबसे करीब आता है।
ऐसे में अपना शेविंग का धंधा बढ़ाने के लिए लोग अलग अलग मार्केटिंग तकनीक अपना रहे हैं। अब महाराष्ट्र के पुणे के पास पिंपरी चिंचवाड़ में स्थित इस सैलून की दुकान को ही ले लीजिए। यहां सैलून मालिक अविनाश बोरुंदिया ने लोगों को अपनी दुकान पर आकर्षित करने के लिए एक दिलचस्प जुगाड़ की है। उन्होंने लोगों की शेविंग करने के लिए एक गोल्ड रेजर ही बनवा लिया।
अविनाश बोरुंदिया का यह गोल्ड रेजर 8 तोले सोने से बना है। इसे बनवाने में उन्हें करीब 4 लाख रुपए का खर्चा आया। कोरोना काल में अविनाश का धंधा मंदा हो गया था। ऐसे में अपनी मार्केटिंग करने और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उन्होंने सोने का रेजर बनवा लिया। अब इस गोल्ड रेजर से अपनी दाढ़ी बनवाने के लिए यहां कतारें लगती हैं।
यदि आप भी इस दुकान में सोने के रेजर से अपनी शेविंग बनवाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 100 रुपए देने होंगे। गोल्ड रेजर आने के बाद यह सैलून बीते शुक्रवार फिर से ओपन हुआ। इसकी रिओपनिंग में भाजपा विधायक गोपीचंद पडवलकर उद्घाटन करने पहुंचे थे।
सैलून मालिक अविनाश बोरुंदिया को अब पूरी उम्मीद है कि उनका ठप्प पड़ा धंधा गोल्ड रेजर के आने के बाद एक बार फिर से चल उठेगा। बताते चलें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी को गोल्ड रेजर बनाने का आइडिया आया है। इसके पहले महाराष्ट्र के सांगली शहर की एक संकरी गली में भी एक सैलून वाले ने गोल्ड रेजर बनवाया था।
रामचंद्र दत्तात्रेय काशिद नाम के यह सैलून मालिक भी सांगली स्थित अपनी दुकान में गोल्ड रेजर से अपने ग्राहकों की दाढ़ी बनाते हैं। यहां तो गोल्ड रेजर से शेविंग कराने के लिए लोगों को वेटिंग लिस्ट में नाम लिखवाना पड़ता है।
वैसे आप लोगों को गोल्ड रेजर का यह आइडिया कैसा लगा हमे कमेंट कर जरूर बताएं। यदि आपको मौका मिले तो क्या आप 100 रुपए देकर सोने के रेजर से अपनी दाढ़ी बनवाओगे? या फिर साधारण रेजे से 40 रुपए वाली ढाढ़ी बनवाना ही पसंद करोगे?