भारतीय सैनिक करते हैं लोगों की सेवा और बचाते हैं जान, बदले में खाते हैं पत्थर: पीएम मोदी!
सिविल सर्विस डे के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के कई अधिकारियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान देश के सैनिकों की हालत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के सैनिक कश्मीर में बाढ़ आने पर वहां के लोगों की जान बचाते हैं, उस समय वहां की जनता सेना के लिए तालियां बजाती है। बाद में वहां की जनता उन्ही सैनिकों को पत्थर भी मारती है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह देश की विडम्बना है कि जो इस देश की सेवा करता है, बदले में उसे पत्थर खाने को मिलते हैं। अब समय आ गया है कि सभी लोग इसके बारे में विचार करें। इसमें किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं बरती जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले का समय बदल चुका है। आज अधिकारियों को अपनी शक्ति का अहसास होना चाहिए।
हमेशा हूं आप लोगों के साथ:
मोदी ने देश के नौकरशाहों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि वे लोग देश के हित के लिए बिना किसी से डरे और पक्षपात किये फैसला लें। प्रधानमंत्री ने उन्हें पूरी तरह से मदद देने का आश्वासन भी दिया। पीएम मोदी ने सिविल सर्विस डे के दूसरे दिन के कार्यक्रम में अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मैं हमेशा आप लोगों के साथ हूं।
सरकार पूरी तरह से तैयार है समर्थन देने के लिए:
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के शासन काल में राजनीतिक इच्छाशक्ति में कमी नहीं है। सरकार लगनशील, इमानदार अधिकारियों को समर्थन देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मोदी ने अपने भाषण के दौरान यह भी कहा कि अब समय आ चुका है कि अधिकारी लीक से हटकर फैसले लें। केवल यही नहीं पुराने ढर्रे पर चलने से बचना चाहिए और निर्णय लेने में तेजी दिखानी चाहिए।
जनता की भागीदारी के बिना बदलाव संभव नहीं:
नौकरशाहों का काम बेहतर तरीके से जनता की भागीदारी के साथ काम करना है। जब तक जनता की भागीदारी नहीं होगी, तब तक बदलाव संभव नहीं है। मोदी ने नौकरशाहों के काम करने के तरीकों में बदलाव करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रणाली को बेहतर बनाने की लिए प्रतिस्पर्धा का होना बहुत जरूरी है। मोदी ने इस अवसर पर अधिकारियों को पुरस्कार भी प्रदान किया।