Politics

पश्चिम-बंगाल चुनाव से पहले ममता ने खेला मास्टर स्ट्रोक, सरकारी कर्मचारियों को इस तरह लुभाया

पश्चिम-बंगाल में आने वाले कुछ ही महीनों में विधान सभा चुनाव होने वाले है. इस चुवाव के चलते केंद्र की BJP सरकार बंगाल राज्य में काफी दिलचस्पी ले रही है. BJP दीदी के गढ़ में सेंध लगाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. दीदी भी BJP को राज्य से बाहर करने के लिए पूरा जोर लगा रही है. इन दोनों पार्टियों की लड़ाई राजनैतिक गलियारों का प्रमुख केंद्र बनी हुई है.

जहां बीजेपी दीदी को ‘जय श्री राम’ के नारे से चोट पंहुचा रही है तो दीदी ने भी पुरे लेफ्ट को बंगाल में सक्रिय कर लिया है. बीजेपी ने बंगाल को जीतने के लिए ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में ही सेंध लगाना शरू कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस के 1 दर्जन से ज्यादा विधायक और नेता अपनी पार्टी को छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो चुके है. दोनों ही पार्टियां चुनाव में वोट पाने के लिए कई तरह से लोगों को लुभा रही है.

इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए ममता बनर्जी की सरकार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चुनाव से पहले कर्मचारियों के लिए आवास की व्यवस्था कर रही है. इसके लिये उनकी पार्टी द्वारा न्यूटाउन के एक्शन एरिया एक, दो और तीन में कुल 400 प्लॉट आवंटित किये जा चुके हैं. इस घर को पाने के लिए आवेदकों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है. ये घर ‘नो प्रॉफिट नो लॉस’ के आधार पर बनाये जायेंगे. आपको बता दें कि इस योजना में भाग लेने के लिए सहकारी टीम बनानी होगी.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये तीन भागों एचआइजी, एमआइजी-1 और एमआइजी-2 हैं. एचआइजी भाग के घर के लिये 19, 87,196 रुपये प्रति कट्ठा की दर से तक़रीबन 5.98 कट्ठा जमीन सरकार द्वारा आवंटित हुई है. वहीं 16,55,997 रुपये प्रति कट्ठा के दाम पर एमआइजी-1 और एमआइजी-2 भाग के लिये क्रमश 4.03 कट्ठा और 5.01 कट्ठा जमीन सरकार द्वारा आवंटित कि गई है.

इस योजना के मुताबिक राज्य सरकार के कर्मचारी अपनी श्रेणी के मुताबिक सहकारी समितियां बनाकर अपना आवेदन दे सकते है. बता दें कि एक सहकारी समिति में कम से कम 8 मेंबर होना आवश्यक है. इसके साथ ही कर्मचारियों को यह जमीन लॉटरी सिस्टम के आधार पर आवंटित कि जाएगी. इन फ्लैटों के बारे में फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए सरकार ने यह शर्त रखी है कि इन आवासों को 15 साल से पहले नहीं बेचा जा सकता है. 15 साल के बाद भी इसने बेचने की स्थिति में केवल सरकारी कर्मचारियों को ही बेचना होगा. इसके साथ ही इस बार राज्य सरकार ने डीए के साथ एक सख्त नियम लिया है. इसके मुताबिक दो लाख रुपये वेतन पाने वाले कर्मचारियों को भी अब से डीए दिया जाएगा. यह नियम जनवरी से प्रभावी रूप से लागू होगा.

आपको बता दें कि इससे पहले ममता ने अपनी पार्टी छोड़ के बीजेपी में जा चुके नेताओं पर भी तंज कसा था. ममता ने अपनी रैली में ‘हम्बा हम्बा, रम्बा रम्बा, कम्बा कम्बा, डम्बा डम्बा, बम्बा बम्बा, बुम्बा बुम्बा.’ का नारा लगाया था जो सोशल मीडिया पर भी काफी फैलने लगा था. उन्होंने कहा कुछ शरारती गाएं पार्टी छोड़कर बीजेपी जॉइन करने के लिए वैसे ही चली गईं जैसे मीर जाफर ने प्लासी के युद्ध में ब्रिटिशों से मेल-मिलाप कर लिया था. खेर यह तो चुनाव ही बताएँगे की बंगाल में ममता के किले को बीजेपी ढहा पाती है या नहीं.

Back to top button