Trending

जब महज 61 गेंदों में ख़त्म हो गया 5 दिन तक चलने वाला टेस्ट मैच, मैदान पर लगा 1 साल का प्रतिबंध

आज के समय में क्रिकेट को पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है. इसे देखने वालों की संख्या करोड़ों में नहीं बल्कि अरबों में है. अब तक क्रिकेट की पिच पर कई ऐसे रिकॉर्ड्स बने है, जिन पर एक पल के लिए तो विश्वास करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन आज हम आपको टेस्ट क्रिकेट इतिहास के एक ऐसे मैच की कहानी के बारे में बता रहे है, जो महज 61 गेंदों में ही ख़त्म हो गया था. अब आप सोच रहे होंगे कि, 5 दिनों तक चलने वाला मैच महज 61 गेंदों में कैसे ख़त्म हो गया था. तो चलिए आपको इसके पीछे की एक कहानी बताते हैं…

वेस्टइंडीज और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमों के बीच साल 1998 में 29 जनवरी से 2 फरवरी तक एक टेस्ट मैच जमैका के सबीना पार्क में खेला जाना था. लेकिन पांच दिनों तक चलने वाला यह टेस्ट मैच महज 10.1 ओवर यानी 61 गेंदों में ही समाप्त हो गया. वजह बेहद अनूठी, अनोखी और अविश्वसनीय थी. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था.

इंग्लैंड के कप्तान थे माइक अर्थटन और विंडीज की कमान संभाल रहे थे ब्रायन लारा. इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी चुनी. वेस्टइंडीज के गेंदबाजों के पहले गेंदबाजी का न्यौता मिला. बल्लेबाजी के लिए माइक ने एलक स्‍टीवर्ट के साथ मोर्चा संभाला. 7.2 ओवर में महज 9 रन पर ही इंग्‍लैंड 3 विकेट खो चुकी थी. आगे के 3 ओवर के भीतर ही पूरा मैच रद्द कर दिया गया.

मैदान पर लगा 1 साल का प्रतिबंध…

10 ओवर 1 गेंदें यानी कि 61 गेंदों का खेल हो चुका था और इसके बाद एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी. दरअसल, तब मैच को रद्द करने का फैसला ले लिया गया था और दोनों टीमों के साथ ही मैच देखने आए तमाम फैंस को भी बहुत बड़ा झटका लगा था. बताया जाता है कि, जेरोम टेलर गेंदबाजी तक नहीं कर पा रहे थे. फिडेल एडवडर्स गेंद पकड़ने के लिए भागे तो पैरों के नीचे से रेत उछल रही थी.

धीरे-धीरे स्थिति जब अधिक ख़राब होने लगी तो फिर मैच को रद्द करना ही उचित समझा गया. न केवल यह मैच रद्द किया गया, बल्कि इस मैदान पर भी एक साल तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था. क्रिकेट के इतिहास में यह घटने वाली सबसे अजीब घटनाओं में से एक थी. इससे पहले और इससे बाद में कभी ऐसा नहीं देखा गया है.

Back to top button