पितृदोष होने पर कष्टों से भर जाता है जीवन, छुटकारा पाने के लिए कर दें ये उपाय
पितृ दोष होने पर जातक का जीवन कष्टों से भर जाता है और हर क्षेत्र में उसे हार ही मिलती है। कुंडली में पितृ दोष होने पर सभी तरह के मांगलिक कार्य रुक जाते हैं। जिस भी काम को शुरू किया जाता है। उसमें केवल निराशा ही हाथ लगती है। कई लोगों को तो संतान का सुख भी प्राप्त नहीं होती है। इसलिए कहा जाता है कि पितृ दोष होने पर उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और जल्द ही उसका निवारण करना चाहिए। आज हम आपको पितृ दोष दूर करने से जुड़े कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। जिनको करने से इस दोष से आपको मुक्ति मिल जाएगी। इतना ही नहीं आपके पितृ आप से खुश भी हो जाएंगे।
क्यों लगता है पितृ दोष
ज्योतिषानुसार के अनुसार जिन लोगों के पूर्वजों की आत्म को शांति नहीं मिलती है या जो लोग अपने माता-पिता, दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई आदि को दुखी रखते हैं व कष्ट देते हैं। उनकी कुंडली में पितृ दोष आ जाता है। ये दोष आने पर इसके संकेत भी मिलने लग जाते हैं। जैसे परिवार में लड़के का जन्म न होना। हर कार्य में असफलता मिलना और भारी नुकसान होना। अगर आपके साथ ये सब होने लगे तो समझ जाएं की आपको पितृ दोष लग गया है।
करें ये उपाय
लाल किताब के अनुसार पितृ दोष और पितृ ऋण से पीड़ित कुंडली शापित कुंडली कही जाती है। ऐसे में बेहद ही जरूरी होता है कि आप इस दोष को दूर करने के लिए उपाय करें। लाल किताब में पितृ दोष दूर करने के पांच असरदार उपायों का उल्लेख किया गया है, जो कि इस प्रकार हैं।
लगातार पांच गुरुवार परिवार के सभी सदस्य सिक्कों का दान मंदिर में जाकर करें। इस बात का ध्यान रखें की सभी सदस्य एक ही मात्रा में सिक्कों का दान करें। यानी अगर आप 10 सिक्का को दान कर रहे हैं, तो परिवार के अन्य सदस्य भी 10 सिक्कों का ही दान करें। वहीं अगर आपके दादा दादी जी हैं तो आप इन पैसों का दान उन्हें दे सकते हैं।
कर्पूर जलाने से देव दोष व पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए आप रोज अपने घर में पूजा के दौरान कर्पूर को जलाना न भूलें। आप कूर्पूर को जलाने के बाद उसे पूरे घर में अच्छे से घूमाएं और उसका धुंआ दें। प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर जलाने से पितृ दोष खत्म हो जाएगा।
पितृ दोष से ग्रस्त लोग कौए, चिढ़िया, कुत्ते और गाय को रोटी जरूर खिलाया करें। इन्हें रोटी खिलाने से ये दोष अपने आप ही दूर हो जाता है। आप कौए, कुत्ते को सरसों के तेल वाली रोटी खिलाएं। चिढ़ियां को दाना डालें। वहीं गाय को गुड़ वाली रोटी खाने को दें और हरी घास में डालें। इन सभी को खाना खिलाने से ये दोष कुछ ही समय में खत्म हो जाएगा।
जो लोग इस दोष से ग्रस्त हैं वो लोग पीपल या बरगद के वृक्ष पर शनिवार के दिन जल अर्पित किया करें। ये उपाय करने से भी दोष खत्म हो जाता है।
विष्णु भगवान जी के मंत्रों का जाप करें और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें। एकादशी का व्रत रखें और सभी नियमों का पालन करें। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में जाकर स्नना करें और डूबकी लगाएं।