गुलाम नबी आजाद ने बनाई कांग्रेस से दूरी, कहा-नहीं लेना चाहते पार्टी में कोई पद
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो गया है। राज्यसभा से रिटायर हुए गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को भावुक होकर बयान दिया और अपने भविष्य के प्लान के बारे में भी बताया। इन्होंने कहा कि लोग अब उन्हें कई जगहों पर देख पाएंगे, क्योंकि वो अब फ्री हो चुके हैं। अब न तो उनकी सांसद या मंत्री बनने की इच्छा है और न ही अब वो पार्टी में कोई पद लेना चाहते हैं। यानी साफ है कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है।
इन्होंने कहा कि वो एक राजनेता के तौर पर अपने काम से संतुष्ट हैं और जब तक जिंदा रहेंगे, जनता की सेवा करते रहेंगे। आप मुझे कई जगहों पर देख सकते हैं। मैं अब फ्री हो गया हूं। सांसद, मंत्री बनने की अब मेरी कोई इच्छा नहीं है। मैंने काफी काम कर लिया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि मैं 1975 में जम्मू-कश्मीर यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष था। मैंने पार्टी में कई पदों पर काम किया है। मैंने कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे देश के लिए काम करने का मौका मिला। मैं खुश हूं कि मैंने ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। मुझे देश और दुनिया को जानने और समझने का अवसर मिला।
आजाद ने कहा, ‘हम कुछ लोगों को गहराई से समझते हैं तो कुछ को सतही तौर पर। जो मुझे गहराई से समझते हैं, उन्होंने सालों तक मेरा काम देखा है और इसलिए भावुक हो गए। मैं उन सबका आभारी हूं। मैं उन लोगों को भी धन्यवाद दूंगा जिन्होंने मुझे मैसेज किया, कॉल किया और मेरे लिए ट्वीट किया। मैं एक राजनेता के तौर पर अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट हूं। मुझे लगता है कि जब तक मैं जिंदा रहूंगा, जनता की सेवा करता रहूंगा।’
गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल खत्म होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे और सदन में जमकर इनकी तारीफ की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में दिए गए बयान पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विभिन्न दलों के सहयोगियों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरी अपनी प्रशंसा की और जिनके साथ मुझे काम करने का अवसर मिला। मैं उनकी कामनाओं के लिए सभी का शुक्रगुजार हूं। साथ में ही इन्होंने जम्मू- कश्मीर में हुए उस आंतकी हमले का जिक्र भी किया जिसे मोदी जी ने अपने बयान में शामिल किया था। इन्होंने कहा कि जब साल 2006 में गुजरात के यात्रों पर हमला हुआ था। तो वो उससे काफी दुखी हुए थे। इन्होंने कहा कि इस हमले ने उन्हें और मोदी को भावनात्मक तौर पर जोड़ा था। हम दोनों उस समय अपने-अपने राज्य के मुख्यमंत्री थे।
वहीं कांग्रेस के साथ चल रही अनबन पर भी गुलाम नबी आजाद ने खुलकर बाती की और कहा कि जो लोग ऐसी बात करते हैं उन्हें कांग्रेस के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से मेरी काफी लड़ाई हुई थी। लेकिन इन्हें प्रधानमंत्री बनाने में मेरा सबसे पड़ा समर्थन था।