रात 10 बजे मंदिर में लिए सात फेरे और देर रात दुपट्टा लगा कर फांसी, ऐसे थे रेखा के एक्स हस्बैंड
हिंदी सिनेमा की दिग्गज़ और बेहद ख़ूबसूरत अदाकारा रेखा की निजी ज़िंदगी बेहद चर्चाओं में रही है. हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय और ख़ूबसूरती से करोड़ों दिलों को अपना कायल बना चुकी इस दिग्गज़ अदाकारा की पूरी दुनिया दीवानी है. साल 1990 में रेखा ने मुकेश अग्रवाल से विवाह रचाया था, हालांकि इसी साल दोनों अलग भी हो गए. रेखा और मुकेश की शादी महज 6 माह में ही टूट गई. रेखा और मुकेश ने जितनी जल्दबाजी में फेरे लिए, उतनी जल्दी ही यह रिश्ता भी ख़त्म हो गया.
रेखा के पूर्व पति मुकेश अग्रवाल एक उद्योगपति थे. 70 के दशक में उन्होंने हॉटलाइन नामक एक कंपनी शुरू की थी. जो कि किचन के सामान बनाती थी. मुकेश को इस व्यापार से अच्छा फ़ायदा हुआ और उनका व्यापार लगातार बढ़ता रहा. इस दौरान मुकेश किसी न किसी तरीके से बॉलीवुड सेलेब्स से मेलजोल बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत रहते थे.
ऐसे हुई रेखा और मुकेश की मुलाक़ात…
जब अपने व्यापार के तहत मुकेश हिंदी सिनेमा में मेलजोल बढ़ाने की कवायद में लगे रहते थे, इस दौरान एक बार उनकी मुलाक़ात रेखा से हुई. दोनों की मुलाक़ात मशहूर फैशन डिजाइनर बीना रमानी ने करवाई थी. वे मुकेश और रेखा की कॉमन फ्रेंड थीं. पहली मुलाक़ात के बाद दोनों और मिलने लगे और दोनों का रिश्ता बेहद अच्छा हो गया.
रेखा और मुकेश की मुलाक़ात को एक माह का यही समय हुआ था कि, इतने कम समय में ही दोनों ने बड़े-बड़े सपने सजा लिए थे. मुकेश ने रेखा से शादी का प्रस्ताव रख दिया. रेखा भी इस रिश्ते से खुश थी और उन्होंने मुकेश को निराश नहीं किया. दोनों ने जल्द से जल्द शादी करना का फैसला लिया और वे मुंबई के जुहू में शादी के लिए मदिर ढूंढने लगे.
रात 10 बजे मंदिर खुलवाकर की शादी…
मंदिर की तलाश करते-करते उन्हें एक मंदिर नज़र आया. इस समय तक रात के दस बज चुके थे. लेखक यासिर उस्मान ने अभिनेत्री रेखा की जीवनी ‘रेखा: कैसी पहेली जिंदगानी’ में इस किस्से का जिक्र करते हुए लिखते है कि, जुहू के इस्कॉन मंदिर में उस वक्त जबरदस्त भीड़ थी, लेकिन इसी मंदिर के सामने एक और मंदिर था, मुक्तेश्वर देवालय. दोनों ने रात में पुजारी को जगाया और उनसे तुरंत शादी कराने के लिए कहा.
गौरतलब है कि, आरती के बाद मंदिर खोलने पर पाबंदी होती है और ऐसे रात के समय में तत्काल शादी भी किसी लिहाज से ठीक नहीं दिखाई पड़ती है. लेकिन पुजारी संजय ने दोनों का विवाह करा दिया. मुकेश और रेखा भी इसके लिए बहुत उतावले थे. आखिरकार, मंदिर में रात्रि 10 बजे के दौरान 37 साल के मुकेश और 36 साल की रेखा विवाह बंधन में बंध गए. लेकिन बाद में पंडित संजय को इसका गंभीर ख़ामियाजा भुगतना पड़ा था. दरअसल, नियमों के विरुद्ध जाकर उन्होंने दोनों की शादी करवाई थी और ऐसे में उन्हें मंदिर से निकाल दिया गया था.
पति के कारण टूटने लगा रिश्ता…
शादी के कुछ माह के भीतर ही रेखा और मुकेश के रिश्ते में दरार पड़ने लगी. मुकेश रेखा की प्रसिद्धि का इस्तेमाल अपने व्यापार में करने की जद्दोजहद में लगे रहते थे औअर इससे रेखा परेशान रहने लगी थी. दिग्गज़ अदाकारा की जीवनी के लेख्त यासिर उस्मान लिखते है कि, एक बार राजीव गांधी के फार्म हाउस के सामने से गुजरते हुए मुकेश जिद पर अड़ गए कि रेखा उन्हें राजीव गांधी से मिलवा दें. लेकिन रेखा ने इससे इंकार कर दिया.
उस्मान एक और किस्से का जिक्र करते हुए लिखते है कि, एक बार ग्वालियर में कांग्रेस के दिग्गज़ नेता महाराव सिंधिया क्रिकेट मैच का आयोजन कर रहे थे और ऐसे में मुकेश रेखा को साथ लेकर ग्वालियर जाने की जिद पर अड़ गए. उनके दिमाग में एक बार फिर बिजनेस में फायदे की सोच थी. लेकिन रेखा ने उनके साथ जाने से एक बार फिर इंकार कर दिया. रेखा ने मुकेश से साफ-साफ़ शब्दों में कह दिया कि, अपने बिजनेस में मुझे इन्वॉल्व मत करो.
6 महीने में ही ले लिया तलाक…
मुकेश और रेखा जितनी जल्दी शादी के बंधन में बंधे उतनी जल्दी ही इस बंधन से मुक्त भी हो गए. 6 माह बाद ही दोनों ने तलाक ले लिया. रेखा से शादी टूटने के कुछ माह बाद ही मुकेश ने आत्महत्या कर ली. रेखा के दुपट्टे को उन्होंने फांसी का फंदा बनाया और 2 अक्टूबर 1990 को उन्होंने अपने फार्म हाउस में खुदकुशी कर ली.