भारतीय कंपनियों में हफ्ते में सिर्फ 4 दिन होगा काम बाकी दिन आराम,जानें आपकी कंपनी शामिल तो नहीं
भारत में प्राइवेट नौकरी करना आसान नहीं होता हैं. समय पर जाना पर समय से आना नहीं. ऑफिस जाकर बॉस की बातें अलग सुनना. इन सब के बाद हफ्ते में छह दिन काम करना और तनाव का सामना करना. भारत का आदमी इन सब एक प्रेशर से पागल सा हो जाता हैं. अगर उसे काम में कमी या छुट्टी की राहत मिले तो यक़ीनन उसका अपने काम को लेकर मनोबल बढ़ेगा.
अगर हम कहे की आपको हफ्ते में सिर्फ 4 दिन ही काम करना हैं तो ? शायद आपको यह सच न लगे पर ऐसा मुमकिन जरूर हो सकता हैं, वह भी भारत में. श्रम मंत्रालय कर्मचारियों के लिए काम के घंटों को आरामदायक बनाने की तैयारी में जुटा है. रिपोर्ट्स की माने तो इसके आधार पर कर्मचारियों को हफ्ते में कुल 48 घंटे ही काम करना पड़ेगा. इस चर्चा पर आखिरी नियम जल्द ही नोटिफाई किए जा सकते हैं. अगर हलिया स्तिथि की बात करे तो सभी कंपनियों में हफ्ते में 6 दिन और रोज़ तक़रीबन 8 घंटे काम करना होता है ताकि वो एक हफ्ते में 48 घंटे काम करने का लक्ष्य पूरा कर सकें. इसके बाद हफ्ते में 1 दिन की छुट्टी दी जाती है.
इस मामले में केंद्रीय श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने जानकरी देते हुए 8 फरवरी को कहा था कि हफ्ते में तय अधिकतम 48 घंटे तक ही काम करने की समय सीमा को लचीला बनाया जाएगा. अगर किसी भी कंपनी का कर्मचारी रोजाना 12 घंटे काम करके सिर्फ 4 दिनों में ही अपने 48 घंटे पूरे कर देता हैं तो उसे अगले तीन दिनों तक काम करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. मतलब आपको 5 या 6 दिन काम करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. पर इसमें ध्यान देने वाली बात यह हैं कि इसमे आपकी कम्पनी की सहमति भी जरुरी हैं.
इस प्रस्ताव में यह भी लिखा गया हैं कि कोई भी कर्मचारी लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम नहीं कर सकता. इस दौरान उसे आधे घंटे तक का ब्रेक देना होगा. आपको बता दें कि बीच में ऐसी खबरे भी आई थी कि सरकार ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें Code on Occupational safety, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस, 2020 तहत काम करने के घंटों को मौजूदा 10.5 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे तक किया जाएगा.
इसके साथ ही अभी भारत में हफ्ते में 6 दिन 48 घंटे पूरे करना का प्रावधान हैं. इस दौरान अगर किसी कंपनी को हफ्ते में काम के घंटे कम करना है तो उसे सरकार की मंजूरी लेनी जरुरी होगी. केंद्रीय श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने जानकारी डेट हुए कहा कि वर्किंग आवर को 12 घंटे तक बढ़ाए जाने को लेकर कई तरह की समस्या पर भी ध्यान दिया गया. इसके बाद ही कंपनियों को ये लचीलापन दिया कि वो हफ्ते में काम के दिनों को अपने हिसाब ऊपर नीचे कर सके. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस नियम के मुताबिक कंपनी और कर्मचारी दोनों की ही सहमति आवश्यक होगी. ऐसे मामलों में कंपनी को 3 दिन की पेड लीव अपने कर्मचारी को देनी होगी. कोड ऑन ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस, 2020 सभी कंपनियों और फैक्ट्रियों पर लागू किया जाएगा.