धन बरकत के लिए वास्तु शास्त्र में बताए ये उपाय, जीवन भर नहीं होगी धन की कमी
वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे उपाए बताए गए हैं, जिनकी मदद से आर्थिक हालत को बेहतर किया जा सकता है और धन से जुड़ी सभी परेशानियों से निजात पाई जा सकती है। इन उपायों को करने से किसी का भी भाग्य खुल जाता है। इसलिए धन संबंधी कोई भी परेशानी होने पर आप नीचे बताए गए इन उपायों को कर लें। इन्हें करते ही आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बन जाएगी।
मुख्य द्वारा पर बनाएं स्वास्तिक चिन्ह
रोज सुबह पूजा करने के बाद अपने मुख्य दरवाजे के पास एक दीपक जलाएं और हो सके तो स्वास्तिक का चिन्ह भी बना दें। ये चिन्ह बनाने के बाद दरवाजे पर फूल और चावल भी अर्पित करें। दरअसल स्वास्तिक को बेहद ही शुभ माना जाता है और रोज इसे बनाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं।
लगाए ये दो पेड़
आर्थिक स्थित में सुधार लाने के लिए इस उपाय को करें। इस उपाय के तहत अपने घर के आंगन में तुलसी और केला का पेड़ लगा दें। ऐसा करने से घर का वास्तु दोष दूर हो जाता है। घर के मुख्य द्वार के दाईं ओर तुलसी का पेड़ और घर के बाईं ओर केले का पेड़ लगा दें। रोज इनकी पूजा करें और एक दीपक शाम के समय इनके सामने जलाएं। ये उपाय करने से धन लाभ होगा और घर का वास्तु दोष भी खत्म हो जाएगा।
ऐसे सामान कर दें घर से बाहर
घर में टूटी हुई चीजों को न करें। घर में टूटी और खराब चीजें रखने से गरीबी आने लग जाती है। इसलिए कभी भी कोई चीज टूट जाए तो उसे घर से बाहर फेंके दें। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में टूटी चीजें रखने से वास्तु दोष हो जाता है और किसी भी कार्य में कामयाबी नहीं मिलती है।
न रखें सूखा तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा बेहद ही पवित्र होता है और इस पौधे की पूजा करने से सारे दुख खत्म हो जाते हैं। लेकिन आप इस बात का ध्यान रखें की कभी भी घर में सूखा हुआ तुलसी का पौधा न रखें। अगर तुलसी का पौधा सूख जाए तो उसे पवित्र नदी व जल में प्रवाहित कर दें और उसकी जगह नया तुलसी का पौधा ले आए।
न होंने दे घर में अंधेरा
अपने घर में सदा एक बल्ब जलाकर रखें। कभी भी अग्निकोण या यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में अंधेरा न होने दें। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में रसोई घर बनाना शुभ होता है और इस दिशा में कभी भी अंधकार नहीं होना चाहिए।
पूजा घर रखें हमेशा साफ
अपने पूजा घर को हमेशा साफ रखें और उसे गंदा न होने दें। पूजा घर में पांच से अधिक भगवान की मूर्तियां भी रखनें से बचें और अगर कोई मूर्ति खंडित हो जाए तो उसे जल में प्रवाहित कर दें व पीपल के पेड़ के नीचे रखे दें।