हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को मिली रिहाई, फिर..
मुनव्वर फारुकी एक ऐसा कॉमेडियन जिसने बहुत की कम उम्र में अच्छा ख़ासा नाम कमा लिया है. मुनव्वर फारुकी हर जगह देश के कई राज्यों में स्टैंड अप कॉमेडी करते हैं. कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं. इन्होने छोटी उम्र में जितना नाम कमाया उतनी ही बदनामी और विवाद भी कमा लिया है. कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से उनके प्रोग्राम के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया था.
मुनव्वर फारूकी पर हिन्दू धर्म के देवी देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों का आरोप लगा था. इस मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने पर रविवार तड़के इंदौर की केंद्रीय जेल से रिहाई मिल गई है. इस मामले में इंदौर सेंट्रल जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने जानकारी देते हुए कहा कि कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को आधी रात के बाद रिहाई दें दी गई है. कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी पिछले 35 दिनों से न्यायिक हिरासत में थे.
इंदौर की सेंट्रल जेल से आज़ाद होने के बाद कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी मीडिया से नज़रे चुराते हुए नज़र आए. उन्होंने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा हैं. रिहाई मिलने के बाद ही फारुकी तुरंत मुंबई के लिए निकल गए. इससे पहले बताया गया था कि केंद्रीय जेल प्रशासन ने प्रयागराज की एक अदालत के जारी वारंट को कारण बताते हुए फारुकी की रिहाई में असमर्थता जताई थी.
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने मुनव्वर फारूकी और इस हास्य आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात को शिकायत दर्ज करवाई थी. एक जनवरी को इंदौर से जेल ले जाया गया था. गिरफ्तारी के बाद से फारुकी इंदौर के केंद्रीय जेल में बंद थे. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस भी जारी किया है. जमानत के लिए फारुकी के वकीलों ने इंदौर की जिला अदालत में शनिवार को उच्चतम न्यायालय का आदेश पेश कर जमानत की प्रोसेस पूरी कीं. एक जनवरी की शाम आयोजित इस हास्य प्रोग्राम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर आपत्तिजनक बातें बोली गई थी.
गौरतलब है कि इसके साथ ही फारुकी पर हिन्दू देवी देवताओं पर टिप्पणी करने को लेकर उतरप्रदेश के प्रयाग राज़ में भी मामला दर्ज हैं. इस मामले में भी उच्चतम न्यायालय ने वहां की एक निचली अदालत के जारी पेशी वॉरंट पर शुक्रवार को रोक भी लगा दी थी. कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को इंदौर की स्थानीय अदालत ने 50,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर केंद्रीय जेल से रिहा करने का आदेश दिया था.
बताते चले कि फारूकी के समर्थन में कई स्टैंडअप कॉमेडियन, अधिकार कार्यकर्ता और अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थक सपोर्ट में आए हैं और उन्होंने फारुकी की गिरफ्तारी की निंदा भी की है. मुनव्वर फारूकी के बारे में कहा जाता है कि वे अपने धर्म के बारे में भी कॉमेडी करने से नहीं हिचकिचाते हैं.