एक बरात ऐसी : दुल्हन नहीं दूल्हे के घर पहुंची बारात, घोड़ी पर ‘दीपा’ को देखकर दंग रह गया हर कोई
सतना : आधुनिक युग में हर कोई लीक से हटकर चलना चाहता है, कुछ अलग हटकर करना चाहता है, हालांकि हर कोई इतना साहस नहीं जुटा पाता है. लोगों में समाज का डर भी व्याप्त रहता है. वहीं जो लोग भेड़चाल से हटकर कुछ करते भी है, तो उनके हिस्से में दो चीजें आती है. या तो निंदा या तारीफ़. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि, एक दुल्हन ने अपनी शादी में कुछ ऐसा कर दिखाया कि उसकी हर ओर सराहना हो रही है.
दरअसल, बात यह है कि, आपने हमेशा यहीं सुना होगा कि, दूल्हे घोड़ी पर चढ़कर अपनी दुल्हन को ब्याह कर लाते है, हालांकि मध्यप्रदेश के सतना जिले में दुल्हन को घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के घर बारात ले जाते हुए देखा गया है और यह आपने आप में एक अनोखी और रोचक घटना है. अब इस मामले की हर ओर ख़ूब चर्चा हो रही है.
हाल ही में मध्यप्रदेश के सतना में वलेचा परिवार की इकलौती बेटी घोड़ी पर चढ़कर रवाना हुई. उनकी शादी राजस्थान के कोटा में हुई और दीपा वलेचा अपने घर यानी कि सतना से कोटा बारात लेकर पहुंची. यकीनन इस तरह के वाकये से आप पहली बार परिचित हुए होंगे जब किसी दुल्हन, दूल्हे के घर बारात लेकर पहुंची हो और वो भी घोड़ी पर सवार होकर.
वलेचा परिवार ने इस तरह से समाज के भीतर यह संदेश पहुंचाया है कि, बेटियां किसी पर बोझ नहीं है. बताया जाता है कि, दुल्हन दीपा वलेचा की यह इच्छा थी कि वह घोड़ी पर सवार होकर अपने दूल्हे के घर पहुंचे और दीपा के परिवार ने उसका यह सपना पूरा भी किया और अब यह वाक़या ख़ूब सुर्ख़ियों में भी है.
बेटी के घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे के घर पहुंचने को लेकर वलेचा परिवार ने कहा है कि, बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है. समाज में जितना अधिकार बेटों को है उतना ही अधिकार बेटियों को भी प्राप्त होना चाहिए.
जबकि दुल्हन दीपा ने कहा है कि, उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि, वे दुल्हन के रूप में घोड़ी पर सवार होगी. दीपा ने आगे कहा कि, मैं समाज को यह संदेश देना चाहती हूं कि, बीते और बेटियों में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. दोनों को ही सामान अधिकार मिलना चाहिए. बेटियां किसी पर भी बोझ नहीं होती है. बेटियों को भी बेटों के बराबर प्यार और प्राथमिकता मिलनी चाहिए.
वहीं दुल्हन की मां ने कहा कि, 25 वर्षों के बाद यह शुभ अवसर आया है कि, उनके घर में बेटी का विवाह हो रहा है.