ऑस्ट्रेलियाई पीएम के इस फैसले से 90 हजार भारतीय हो जायेंगे बेरोजगार, क्या खत्म हो गया उनका भारत प्रेम?
बीते दिनों ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल भारत आये थे. भारत में उनकी और पीएम मोदी की दोस्ती की अनोखी तस्वीरें देखने को मिलीं. दोनों ने एक साथ काफी वक्त बिताया कई बड़े और अहम मुद्दों पर दोनों राष्ट्रों को एक दूसरे का सहयोग मिला. दोनों नेता दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में पूजा और दर्शन किये, दोनों एक साथ दिल्ली मेट्रो में सफर भी किये और टर्नबुल ने पीएम मोदी के साथ सेल्फी भी ली. दोनों लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं.
टर्नबुल ने 457 वीजा प्रोग्राम को खत्म करने का निर्णय लिया :
ऑस्ट्रेलिया वापस जाने के कुछ ही दिन बाद टर्नबुल ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसकी प्रतिक्रिया में लोग कह रहे हैं कि उनका भारत प्रेम खत्म हो गया है.
दरअसल उनके इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान उन भारतीय प्रवासियों का होगा जो ऑस्ट्रेलिया में नौकरी कर रहे हैं. टर्नबुल ने 457 वीजा प्रोग्राम को खत्म करने का निर्णय लिया है. 457 वीजा प्रोग्राम के नाम से चलाये जा रहे इस प्रोग्राम का उद्देश्य विदेशी नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया में नौकरी करने का मौका देना है.
इसके तहत जिन कंपनियों को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के बीच से जरूरी संख्या में कर्मचारी नहीं मिल पाते वह विदेशी कर्मचारियों को अपने यहां चार साल के लिए अस्थाई रूप से बुला सकते हैं. माना जा रहा है कि इस प्रोग्राम के बंद होने से लगभग 90 हजार भारतीय प्रवासियों को नुकसान होगा. ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा भारतीय कर्मचारी और प्रवासी आईटी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
सीएम टर्नबुल ने बताया कि इससे सबसे ज्यादा असर भारतीय प्रवासियों पर पड़ेगा उसके बाद ब्रिटेन और फिर चीन के प्रवासी कर्मचारियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया प्रवासियों का देश है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया में नौकरी के लिए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को वरीयता मिलनी चाहिए, इसलिए वह अस्थाई तौर से विदेशी कामगारों को ऑस्ट्रेलिया लाने वाले 457 वीजा को खत्म कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब हम 457 वीजा को ऑस्ट्रेलियाई नौकरियों का पासपोर्ट नहीं बनने देंगे. वह स्किल्ड जॉब के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलियन फर्स्ट की नीति अपनाएंगे.