सामने आई सच्चाई खालिस्तान समर्थक संगठन से जुड़ी हुई है ग्रेटा, उन्ही से टूल किट लेकर अपलोड की थी
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ बाहर के कुछ सेलिब्रिटी और अन्य लोग भी साथ देते नज़र आ रहे थे. पुलिस और सरकार इन्हे भारत की एकता विरोधी ताकते कह रहे थे. अब इस मामले मे जो तथ्य सामने निकल कर आए है. वह भी यही इशारा कर रहे है कि यह प्रोपेगेंडा भारत विरोधी ताकते ही इस्तेमाल कर रही है.
किसान आंदोलन के समर्थन में कुछ दिन पहले ही पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की तरफ से किसानों के लिए एक टूलकिट डाला गया था. जिस पर देश भर में बहुत बड़ा हंगामा हो गया था. इस टूल किट को ग्रेटा थनबर्ग ने अपनी ट्वीटर प्रोफइल से अपलोड करते हुए कहा था कि हम सभी को किसानों के साथ आवाज़ उठानी चाहिए. इसके साथ यह भी लिखा था कि ‘अगर किसी को नहीं पता है क्या करना है तो यह रही टूल किट’ इस टूल किट में कई बिंदुओं पर प्रदर्शन की बातें लिखी गई थी.
बवाल होने के बाद जो छानबीन की गई तो उस टूलकिट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. शुरूआती जांच में पता चला कि अपलोड की गई इस टूलकिट को कनाडा स्थित एक खालिस्तानी समर्थक संगठन द्वारा बनाया गया था. इस टूलकिट का मुख्य मकसद भारत की छवि को दुनिया भर में खराब करना था. जानकारी के मुताबिक इस टूलकिट को एक खुद से प्रमाणित खालिस्तान समर्थक एमओ धालीवाल ने सह-स्थापित ‘पीस फॉर जस्टिस’ द्वारा तैयार कराया गया था.
यह खालिस्तान समर्थक संगठन कनाडा के वैंकूवर में मौजूद है. इस टूल किट में मौजूद पॉवरपॉइंट प्रजेंटेशन में भारत के खिलाफ होने वाली साजिस को सूची बनाकर लिखा गया था. इसके साथ ही टूलकिट में भारत के योग, चाय और विश्वगुरु वाली इमेज को नुकसान पहुंचाने की बात पर भी जोर दिया गया था. इसके साथ ही टूलकिट में 26 जनवरी को प्रवासी भारतीयों द्वारा वैश्विक व्यवधान डालने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात भी लिखी गई थी.
गौर करने वाली बात यह है कि स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा ने ट्वीट को थोड़ी ही देर बाद ट्विटर से हटा लिया था. इतनी ही देर में भारत में कई लोगों ने उनकी पोस्ट के स्क्रीनशॉट ले लिए थे, जो सोशल मीडिया तेज़ी से वायरल हो गए थे. इस मामले मे एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया था कि विदेशी लोगों सेलिब्रिटी ने किसान आंदोलन के लिए यूं ही नहीं ट्वीट किए थे. ये एक ऐसे अभियान का हिस्सा थे जिसके तहत वैश्विक स्तर पर भारत की छवि ख़राब किया जाना था. यह सब पहले से सुनियोजित था. दिल्ली पुलिस ने इस टूलकिट की जांच शुरू कर दी है.
क्या लिखा था टूल किट में
ग्रेटा ने कहा था, ऑनलाइन याचिका दर्ज कराकर भारत के अडानी-अंबानी जैसे एकाधिकारवादियों पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर करे. इस आंदोलन में और आग लगाने के लिए उसने लिखा, आप भारतीय दूतावास, मीडिया संस्थान और स्थानीय सरकारी दफ्तरों के बाहर 13-14 फरवरी के दौरान आंदोलन करें और उस आंदोलन की तस्वीर लेकर हमारे साथ शेयर करें. 4 और 5 फरवरी को 11 बजे से दिन के 2 बजे तक ट्विटर पर सपोर्ट देने की अपील की थी. इसके बाद ग्रेटा ने [email protected] पर तस्वीर या वीडियो को शेयर करने के लिए समर्थन माँगा. इसके साथ ही उसने भारत के बड़े बिज़नेसमैन पर भी निशाना साधा था. उसने कहा सरकारी अधिकारियों से फोन पर या मेल के जरिये कार्रवाई करने की मांग करे.