सरसो के तेल के फायदे : घर में पाए जाने वाले इस तेल के यह फायदें जानकर निश्चित ही चौक जाएंगे
भारत के हर घर में सरसों का तेल पाया जाता है. सरसों का तेल सिर्फ एक तेल नहीं है बल्कि यह एक औषधी भी है. सरसों का तेल जहां खाने में स्वाद बढ़ाता है, वहीं सेहत को भी कई लाभ देता है. उत्तर भारत में ज्यादातर इस्तेमाल होने वाले इस तेल को खाने के अलावा भी कई चीजों में उपयोग किया जाता है. तासीर से गर्म इस सरसों के तेल को सांस्कृतिक और धार्मिक कामों में भी उपयोग में लिया जाता है.
जीवाणुरोधी होने के कारण सरसों के तेल में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. काफी पहले बच्चों को स्वस्थ बनाने और सक्रमण से बचाने के लिए भी इस तेल से मालिश की जाती थी. आज भी सर्दी, जुकाम होने पर इसे नाक में डालने से आराम मिलता है. कान और नाभि में सरसों का तेल डालने से भी काफी लाभ मिलता है.
सरसों के तेल को खाने से पाचन शक्ति अच्छी होती है. यह इंसान की भूख बढ़ाने में भी सहायक होता है. अगर आपको भी भूख नहीं लगती है तो खाने में सरसों का तेल डालना शुरू कर दें. इस तेल में विटामिन जैसे थियामाइन, फोलेट व नियासिन अच्छी मात्रा में मौजूद रहते हैं. इससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है. इसकी रोजाना शरीर पर मालिश करने से चर्बी भी घटती है.
अस्थमा ऐसी बीमारी है जिसका इलाज़ अभी तक इजात नहीं हुआ. इसमें भी गर्म सरसों के तेल में कपूर डालकर मालिश करने से बीमारी में काफी राहत मिलती है. रोजाना इसकी मालिश से शरीर में खून का सर्कुलेशन भी अच्छा होता है. इसकी मालिश से मांसपेशियां को मजबूती मिलती है.
अगर आपको गले में दर्द है या खराश होती है तो दवाई की तरह इस तेल को पीने से राहत मिलती है. नाभि पर रोज़ रात को सोने से पहले सरसों के तेल की कुछ बुँदे डालने से आपके होठ कभी नहीं फटेंगे. इससे आपकी स्किन भी मुलायम बनेगी. जब भी सर्दी होती है तो नाक में सूखापन या खुजली होती है ऐसी स्तिथि में सरसों का तेल नाक में डाले बहुत जल्दी आराम मिलेगा.
हल्दी और सरसों के तेल को मिलाकर स्किन पर लगाए यह नेचरल ग्लो देता है. साथ ही ड्राई स्किन की समस्या से भी आपको निजात दिलाता है. दांत दर्द और पायरिया में भी सरसों का तेल बेहद ही लाभदायक होता है. अगर आपको किसी भी तरह की दाँतों की समस्या है तो सरसों के तेल में हल्दी और नमक मिलाकर नियमित रूप से दांतों पर मसाज करें. रिफाइंड ऑयल की बजाए सरसों के तेल में खाना पकाने से हृदय रोग की संभावना लगभग 70 प्रतिशत तक कम हो जाती है.