मां सरस्वती की कृपा से ये 3 लोग बन गए थे विद्वान, की थी इन प्रसिद्ध ग्रंथों की रचना
वसंत पंचमी को देवी सरस्वती के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इस साल वसंत पंचमी 16 फरवरी को आ रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से हर कामना पूर्ण हो जाती है और विद्या की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं जो लोग इस दिन सच्चे मन से मां की पूजा करते हैं उनकी बुद्धि भी तेज हो जाती है। कहा जाता है कि कालिदास, वरदराजाचार्य और वोपदेव ने मां सरस्वती की पूजा की थी। जिसकी वजह से ही इन्हें विद्या की प्राप्ति हुई थी। बचपन में कालिदास, वरदराजाचार्य और वोपदेव अत्यल्प बुद्धि के थे। लेकिन मां की पूजा करने से इनकी बुद्धि तेज हो गई और इन्होंने महान ग्रंथों की रचना की
कालिदास
कालिदास हमारे देश के जाने माने कवियों में गिने जाते हैं। इन्होंने काफी अच्छी रचनाएं की हैं। लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी की कालिदास पढ़ाई में तेज नहीं हुआ करते थे। लेकिन फिर भी ये हमारे देश के प्रसिद्ध कवि और लेखक बन गए। माना जाता है कि इन्होंने मां सरस्वती की पूजा अर्चना सच्चे मन से की थी। जिसकी वजह से मां की कृपा इनपर बनीं।
अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचना है। मेघदूतम् भी कालिदास की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में गिनी जाती है। इसमें कवि की कल्पनाशक्ति की विलक्षणता पढ़ी जा सकती है।
वरदराज
वरदराज को वरदराजाचार्य के नाम से भी जाना जाता है। ये संस्कृत व्याकरण के महापंडित हुआ करते थे। ये महापंडित भट्टोजि दीक्षित के शिष्य थे और इन्होंने भट्टोजि दीक्षित की सिद्धांत कौमुदी पर आधारित तीन ग्रंथों की रचना की थी। जो कि मध्यसिद्धान्तकौमुदी, लघुसिद्धान्तकौमुदी तथा सारकौमुदी हैं। ये भी मां सरस्वती के सबसे बड़े भक्त माने जाते है और मां की कृपा से ही इन्होंने इन ग्रंथों की रचना की थी।
वोपदेव
वोपदेव कवि, वैद्य और वैयाकरण ग्रंथाकार के तौर पर जाने जाते हैं। इनके द्वारा प्रसिद्ध ग्रंथ ‘मुग्धबोध’ रचा गया है। इनका लिखा कविकल्पद्रुम तथा अन्य अनेक ग्रंथ प्रसिद्ध हैं। ये ‘हेमाद्रि’ के समकालीन थे और देवगिरि के यादव राजा के दरबार के विद्वान थे। ये भी मां सरस्वती के परम भक्त माने जाते थे।
अगर आप भी विद्धान बनना चाहते हैं तो वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजा जरूर करें और व्रत रखें। इस दिन किताबों का पूजन भी करें और साथ में ही मां को पीले रंग के फूल भी अर्पित करें। दरअसल पीला रंग मां सरस्वती को बेहद ही प्रिय माना जाता है।
इस तरह से करें पूजा
वसंत पंचमी के दिन चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर, उसपर मां की तस्वीर रखें दें। फिर मां को पीले रंग के वस्त्र और फूल अर्पित करें। इसका बाद मां की वंदना को गाएं और इनसे जुड़े मंत्रों का जाप करें।