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दिल्ली हिंसा को लेकर शशि थरूर व राजदीप सरदेसाई पर हुआ केस दर्ज, मदद के लिए खटखटाया SC का दरवाजा

दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर और पत्रकार राजदीप सरदेसाई पर केस दर्ज किया गया है और इन दोनों पर लोगों को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप लगाया गया है। इन दोनों पर कई सारे राज्यों में केस दर्ज हुए हैं। वहीं इन केसों को लेकर दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल अभिजीत मिश्रा नाम के एक शख्स की शिकायत पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में शशि थरूर समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अभिजीत मिश्रा द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत में कहा गया है कि इन नामजद लोगों ने 26 जनवरी को गलत पोस्ट किए और दंगा भड़काने की साजिश की।

शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई के अलावा जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेशनाथ और अनन्तनाथ का नाम भी शामिल है। इन सभी ने अब अपने खिलाफ दर्ज मामलों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन के रहने वाले अभिजीत मिश्रा ने आरोप लगाया है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ, विनोद के जोश और एक अज्ञात हैं। अभिजीत मिश्रा ने कहा कि वो जानबूझकर कराए गए दंगों से दुखी हूं। एक षडयंत्र के तहत सुनियोजित दंगा कराने और लोक सेवकों की हत्या करने के उद्देश्य से इन लोगों ने राजधानी में हिंसा और दंगे कराए।

अपनी शिकायत में इन्होंने आगे कहा कि जानबूझकर गुमराह करने और उकसाने वाली खबरें प्रकाशित की गई। इन लोगों ने दिल्ली में ट्रैक्टर पलटने की घटना में प्रदर्शनकारी की मौत की खबर को गलत तरीके से प्रसारित किया। ट्विटर से इस खबर को गलत तरह से साझा किया गया और पुलिस की छवि को गलत दिखाया गया। इन लोगों ने ट्वीट कर कहा कि पुलिस ने आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई। ये जानबूझकर इस उद्देश्य से कहा गया कि बड़े पैमाने पर दंगे हों और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो।

गौरतलब है कि किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन किया जा रहा है। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया था। दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ किसानों को ये रैली निकालने की अनुमित दी थी। लेकिन 26 जनवरी के दिन किसानों की इस ट्रैक्टर रैली ने उग्र रुप ले लिया। इस दौरान लाल किले पर कब्ज कर किसानों ने झंडा लहराया। साथ में ही पुलिस वालों पर हमला भी किया। इस हमले में 300 से अधिक पुलिसवाले जख्मी हुई हैं। दिल्ली की सड़कों पर हुई इस रैली के कारण काफी नुकसान सरकार को हुआ है।

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