कांग्रेस जिला सचिव को लड़की ने सारेआम मारा थप्पड़, बदनामी के डर से जहर खा गए नेताजी और फिर..
‘लड़की का थप्पड़’ जोर का पड़े या धीरे, लेकिन इससे होने वाली बदनामी बहुत तगड़ी होती है। हर किसी में इसे सहने की शक्ति नहीं होती है। खासकर यदि ये थप्पड़ किसी नामचीन व्यक्ति को सरेआम पड़ जाए तो बदनामी का लेवल और भी बढ़ जाता है। ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के कांग्रेस नेता ओनिमेष सिन्हा के साथ भी हुआ। उन्हें एक लड़की ने गणतंत्र दिवस पर भरी महफ़िल में थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद उन्होंने जहरीला पदार्थ खाकर खुदखुशी करने की कोशिश की। आईए विस्तार से जाने क्या है पूरा मामला..
लड़की ने जड़ा कांग्रेस नेता को थप्पड़
दरअसल बीते मंगलवार गणतंत्र दिवस के दिन कांग्रेस नेता ओनिमेष सिन्हा की इनके पड़ोसी परिवार की महिलाओं ने धुनाई कर दी। यहां सर्किट हाउस के समीप एक युवती ने उन्हें करारा चांटा मारा। इस मौके पर प्रभारी मंत्री शिव डहरिया भी वहां मौजूद थे। यह युवती अपनी मां के साथ आई हुई थी। उसने जैसे ही ओनिमेष सिन्हा को देखा वह मां के साथ उनके पास पहुंची और मारपीट करने लगी। लड़की का गुस्सा देख कांग्रेस नेता को वहां से नौ दो ग्यारह होना पड़ा।
बदनामी के डर से खाया जहर
इस घटना के बाद कांग्रेस नेता ओनिमेष सिन्हा ने गुरुवार को जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड की कोशिश की। इतना ही नहीं जहर खाने के पूर्व उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक इमोशनल नोट भी पोस्ट किया। उन्होंने इसमें लिखा कि ‘मैं भोलेनाथ के पास जा रहा हूं साथियों, मेरे जाने के बाद सत्य की जीत होगी, अलविदा।’
इलाज के बाद हालत स्थिर
ओनिमेष सिन्हा के जहर खाने की बात जब उनके परिवार वालों को पता चली तो वे उन्हें आनन फानन में मेडिकल कॉलेज ले गए जहां ICU में उन्हें भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उनके शरीर से बहुत मात्रा में जहर बाहर निकाला गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने लड़की के थप्पड़ मारने के बाद बदनामी के डर से यह कदम उठाया है। उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाया और कहा कि ये सब उन्हीं की शह पर हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि कांग्रेस जिला सचिव ओमिनेष सिन्हा और उनके पड़ोसी तिवारी परिवार का बीते कई दिनों से विवाद चल रहा है। जिस लड़की ने उन्हें थप्पड़ मारा उसका कहना है कि नेताजी ने मेरी बहन को रायपुर में बंधक बना रखा है। वही उसकी शादी नहीं होने दे रहा है। वहीं नेताजी ने सफाई में कहा कि उसने लड़की को बंधक नहीं बनाया है, बल्कि वह तो लड़की की मदद कर रहा है। लड़की के घरवाले उसकी शादी जबरन एक विदेश में रहने वाले लड़के से करने जा रहे थे। लड़की यह शादी नहीं करना चाहती है। इसलिए उन्होंने लड़की की हेल्प की।