किसानों पर फूटा लोगों का गुस्सा, कहा-तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे हम, जल्दी खाली करें बॉर्डर
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से लोगों के बीच खासा गुस्सा है और अब लोगों ने किसान आंदोलन का विरोध करना भी शुरू कर दिया है। इस घटने के चलते आज दिल्ली और हरियाणा के बीच, सिंघु बॉर्डर पर कुछ लोग इकट्ठा हुए हैं। जो की आसपास के गांवों के रहने वाले थे। इन लोगों ने मांग की है कि प्रदर्शनकारी किसान अब सिंघु बॉर्डर खाली कर दें। इनका कहना है कि वे लाल किले पर हुई हिंसक घटना से बेहद आहत हैं और इस वजह से चाहते हैं कि अब इस आंदोलन को खत्म किया जाएगा।
आंदोलन का विरोध कर रहे एक व्यक्ति ने कहा कि हम तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे। काफी वक्त हो गया। अब सिंघु बॉर्डर खाली होना चाहिए। हमें इस दौरान बहुत दिक्कत हुई है। गणतंत्र दिवस के दौरान हुई इस हिंसा के बाद आज कई लोग आंदोलन वाली जगह पर पहुंचे। इन लोगों ने यहां खूब सारे नारे भी लगाए और एक नारा लगाते हुए कहा कि ‘तिरंगे का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’।
इस दौरान एक गांव वाले ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सारा रास्ता घेर रखा है और खेतों में से भी जा रहे हैं। सिंघु बॉर्डर को खाली करें। वहीं मंगलवार की घटना के बाद चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म कर दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी टेंट लगभग उखड़ चुके हैं।
सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग करना शुरू कर दी है। ताकि प्रदर्शनकारी एक सड़क से एक तरफ न जान सके। जिसका विरोध प्रदर्शनकारी कर रहे हैं। यहां हालात न बिगड़े इसके लिए सिंघु बॉर्डर पर भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति ने गुरुवार को अपना धरना खत्म करने का ऐलान कर दिया है। ये दल पिछले 58 दिनों से दलित प्रेरणा स्थल पर प्रदर्शन कर रा था। इसके अलावा, भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने भी बुधवार को चिल्ला बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन को समाप्त कर दिया था। पलवल जिले में धरने पर बैठे किसान भी अब वहां से उठ गए हैं। इन किसानों का कहना है कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के कारण दुखी मन से वो धरना समाप्त कर रहे हैं।
दरअसल कल किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस रैली के दौरान दिल्ली की सड़कों पर उग्र किसानों ने हड़कंप मचा दिया था। इस हिंसा के कारण 300 से अधिक पुलिसकर्मी भी बुरी तरह से घायल हुए हैं। जबकि कई पुलिस वाले इस समय ICU में भी भर्ती हैं।
गौरतलब है कि किसान पिछले दो महीने से भी ज्यादा वक्त से सिंघु बॉर्डर समेत दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। ये किसान तीन नए कृषि कानून खत्म करने की मांग पर आड़े हुए हैं। इन कानूनों के विरोध में ही गणतंत्र दिवस के दौरान किसानों ने रैली निकालने का ऐलान किया था।